महाराष्ट्र में पिछले 48 घंटों में बारिश से जुड़ी घटनाओं में कम से कम 10 लोगों की जान चली गई। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, अकेले नासिक ज़िले में चार मौतें हुईं। धाराशिव और अहिल्यानगर में दो-दो मौतें हुईं जबकि जालना और यवतमाल ज़िलों में एक-एक मौत हुई। वहीं, बाढ़ प्रभावित इलाकों से देर रात तक 11,800 से ज़्यादा लोगों को बचाया गया है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चार ज़िलों – मुंबई उपनगरीय, रायगढ़, ठाणे और पालघर के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिसमें कुछ जगहों पर भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। यह अलर्ट ऐसे समय में जारी किया गया है जब तटीय महाराष्ट्र में लगातार बारिश हो रही है और मुंबई में इस मानसून सीज़न में 3,000 मिमी बारिश का आंकड़ा पार हो गया है।
मुंबई में इस महीने 606 मिमी बारिश
हाल के हफ़्तों में भारी बारिश के कारण, मुंबई में इस महीने 606 मिमी बारिश दर्ज की जा चुकी है। यह महीना 2021 के बाद से शहर का दूसरा सबसे ज़्यादा बारिश वाला सितंबर बन गया है। क्षेत्र में रेड अलर्ट जारी होने के बीच, रविवार और सोमवार सुबह के बीच मुंबई के कई इलाकों में 100 मिमी से ज़्यादा बारिश हुई। मौसम ब्यूरो के रिकॉर्ड से पता चला है कि सोमवार सुबह 8.30 बजे तक 24 घंटों में, IMD की कोलाबा तटीय वेधशाला ने 101.2 मिमी बारिश दर्ज की जबकि सांताक्रूज़ वेधशाला ने 77.5 मिमी बारिश दर्ज की।
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वहीं, मराठवाड़ा में गोदावरी नदी पर बने जयकवाड़ी बांध में पानी का स्तर बढ़ गया है, जिसके कारण अधिकारियों को सभी 27 गेट खोलकर 1,25,000 क्यूसेक पानी छोड़ना पड़ा। छत्रपति संभाजीनगर के पैठण में लगभग 7,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया, जहां हरसूल सर्कल में 24 घंटों में 196 मिमी बारिश दर्ज की गई। बीड, नांदेड़ और परभणी जिलों में भी भारी बारिश हुई।
सरकार ने जारी की एडवाइजरी
सरकार ने लोगों से आधिकारिक निर्देशों का पालन करने, खतरनाक क्षेत्रों से बचने और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की यात्रा करने से परहेज करने की अपील की है। लोगों को सलाह दी गई है कि वे आंधी-तूफान के दौरान पेड़ों के नीचे शरण न लें और बाढ़ से बचाव के लिए सभी सावधानियां बरतें, अनावश्यक यात्रा से बचें। पुलिस ने भी नागरिकों को तटीय और निचले इलाकों में जाने से बचने की सलाह दी है।