महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के बीच इन दिनों जुबानी जंग देखने को मिल रही है। शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के एक बयान पर हंगामा मचा हुआ है। ठाकरे ने एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी थी। उन्होंने कहा था कि जूते पोंछने की औकात वाले लोग सरकार में बैठे हैं।
सीएम शिंदे का पलटवार
वहीं, सीएम शिंदे ने उद्धव ठाकरे के इस बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि जूते पोंछने वाले गरीब होंगे लेकिन वे शायद आपसे ज्यादा ईमानदार हैं क्योंकि वो अपने परिश्रम की रोटी खाते हैं। एकनाथ शिंदे ने यह भी कहा कि वो विश्वासघाती नहीं हैं। रिक्शाचालक, टपरीवाले, चौकीदार भी समाज का नेतृत्व कर सकते हैं।
जूते पोंछने की औकात वाले सरकार में बैठे हैं- उद्धव ठाकरे
दरअसल, उद्धव ठाकरे ने कहा था, “जिस तरह से हमारी सरकार गिरायी गयी इसका बदला जरूर लिया जाएगा। जूते पोंछने की औकात वाले लोग सरकार में बैठे हैं। बारसू रिफाइनरी को लेकर मैंने पत्र लिखा था लेकिन इतने दिनों तक वहां प्रोजेक्ट क्यों नहीं किया? क्यों लोगों से बात करनी थी? बुलेट ट्रेन, नाणार जैसे प्रोजेक्ट इसलिए हमने रोके क्योंकि लोग और महाराष्ट्र का हित नहीं है, आगे भी हम रोकेंगे।
स्वार्थ के कैमरे और पाखंड के चश्मे से दुनिया देखने से सच्ची तस्वीर सामने नहीं आती- एकनाथ शिंदे
जिसके बाद गुरुवार (27 अप्रैल) को एकनाथ शिंदे ने ट्विटर पर उद्धव ठाकरे पर हमला बोला। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “आपके पास बदले की भावना है, हत्या करने की भावना है लेकिन आपमें सच्चाई का सामना करने की हिम्मत नहीं है। हम कोई बदला नहीं चाहते हैं। यह हमारी सोच भी नहीं है। हम चाहते हैं एक बदलाव लाया जाए। हम इस राज्य के लोगों के जीवन में बदलाव लाना चाहते हैं। हम गरीब और मेहनतकश लोगों के जीवन में बदलाव लाना चाहते हैं।”
सीएम शिंदे ने आगे लिखा, “स्वार्थ के कैमरे और पाखंड के चश्मे से दुनिया को देखने से कभी भी सच्ची तस्वीर सामने नहीं आती। उसके लिए व्यक्ति के पास निस्वार्थ जनसेवा का कैमरा होना चाहिए। जो आपके पास कभी नहीं था और कभी नहीं होगा।”