Maharashtra Politics: एकनाथ शिंदे के महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने के बाद से शिंदे के गढ़ ठाणे में एक ट्रेंड उभर आया है। 30 जून, 2022 को उनकी सरकार के सत्ता में आने के बाद से मीडिया रिपोर्टों के आधार पर ठाणे पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर (FIR) के विश्लेषण से पता चलता है कि शिवसेना (यूबीटी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस के सदस्यों के खिलाफ 25 एफआईआर दर्ज की गई हैं। एक एफआईआर पिछले 10 महीने में एक रैपर के खिलाफ थी। इन 26 प्राथमिकी में से 21 सोशल मीडिया पोस्ट, टिप्पणियों या बैनर के माध्यम से विपक्ष द्वारा शिंदे को “निशाना” बनाने के संबंध में दर्ज की गई हैं।

पूर्व सांसद आनंद परांजपे के खिलाफ शुरू में ग्यारह प्राथमिकी दर्ज की गई थीं, जिसके बाद में बॉम्बे हाई कोर्ट ने ठाणे पुलिस को फटकार लगाई थी। जिसके बाद प्राथमिकी कम करके एक कर दी गई। अधिकतर प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (ए) (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत दर्ज की गई हैं, जिसमें अधिकतम पांच साल कारावास की सजा है।

इस अवधि में शिंदे सेना के खिलाफ कुछ ही मामले दर्ज किए गए

जबकि इस अवधि में शिंदे सेना के खिलाफ कुछ ही प्राथमिकी दर्ज की गईं। शिविर के खिलाफ रिपोर्ट की गई कुछ एफआईआर में से एक शिंदे सेना के कार्यकर्ताओं द्वारा भारतीय जनता पार्टी के एक कार्यकर्ता पर हमला करने के संबंध में थी। इसके अलावा, शिंदे सेना के सदस्यों के खिलाफ दो कथित एनसी (NCs) दर्ज की गई थीं।

रोशनी केस में असंतुलित पुलिस कार्रवाई का आरोप लगाते हुए शिवसेना (यूबीटी) के विधायक आदित्य ठाकरे और महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के सहयोगियों – राकांपा और कांग्रेस ने 5 अप्रैल को ठाणे पुलिस आयुक्त के कार्यालय के पास विरोध प्रदर्शन किया था। आरोप लगाया था कि ठाणे पुलिस को सीएम ने आदेश दिया था। आदित्य ने दावा किया था कि ठाणे के पुलिस आयुक्त जयजीत सिंह भी उद्धव ठाकरे से नहीं मिले, जब वह 4 अप्रैल को उनसे मिलने गए थे।

सोशल मीडिया पर शिंदे के खिलाफ कथित टिप्पणी को लेकर 31 मार्च को कांग्रेस के पदाधिकारी गिरीश कोली पर कथित रूप से हमला किया गया था। जिसको लेकर शिंदे सेना के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण और पूर्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने 12 अप्रैल को सिंह से मुलाकात की थी।

पुलिस अधिकारी कर रहे शिंदे के इशारे पर काम

विपक्ष के नेता अजीत पवार ने पिछले हफ्ते एक इंटरव्यू में कहा था कि शिंदे का ठाणे में जबरदस्त दबदबा है, जहां वह रहते हैं और जहां से उन्हें विधायक और उनके बेटे श्रीकांत को सांसद चुना गया था। पवार ने संकेत दिया कि उनके मुख्यमंत्री बनने से पहले ही शिंदे का ठाणे आयुक्तालय में पुलिस पोस्टिंग में दखल था। पवार ने कहा, ‘हम जानते थे कि शिंदे बगावत करेंगे। हमने (राकांपा प्रमुख) शरद पवार और ठाकरे को इसके बारे में सतर्क किया था। द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए परांजपे ने कहा, “ठाणे पुलिस, खासकर कुछ अधिकारी, शिंदे सरकार के इशारे पर काम कर रहे हैं।