महाराष्ट्र में सियासी घमासान जारी है। एक ओर जहां उद्धव ठाकरे की कुर्सी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ एकनाथ शिंदे अपने गुट को मजबूत करने में लगे हुए है। इसी मुद्दे को लेकर एक टीबी डिबेट के दौरान वरिष्ठ वकील सतीश मानशिंदे ने कहा कि 2002 में मोदी की कुर्सी जाने वाली थी, लेकिन जेटली के दखल के बाद बाला साहेब की वजह से मोदी की कुर्सी नहीं गई। उन्होंने कहा कि बाला साहेब आज होते तो बीजेपी-शिवसेना का गठबंधन नहीं टूटता।

Continue reading this story with Jansatta premium subscription
Already a subscriber? Sign in

सतीश मानशिंदे ने कहा कि मुझे अभी भी याद है, साल 2002 में गोवा में बीजेपी का अधिवेशन चल रहा था। उस वक्त गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को पद से हटाने की बात चल रही थी। उस वक्त अरुण जेटली ने बाला साहेब से आकर मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि उस वक्त सिर्फ बाला साहेब ठाकरे ने नरेंद्र मोदी का समर्थन किया था। उनकी वजह से मोदी को पद से नहीं हटाया गया था। मोदी और बाला साहेब का बहुत अच्छा तालमेल था।

मानशिंदे ने कहा कि मैं बाला साहेब ठाकरे को बहुत पहले से जानता हूं। अगर वो आज होते तो ऐसा नहीं होता, क्योंकि शिवसेना तो डिस्पलेन पार्टी है। मुझे याद है कि 1995-1996 में जब शिवसेना की बीजेपी के साथ सरकार बनी थी। और शिवसेना के सीएम थे। एक बार बाला साहेब ठाकरे ने जिक्र किया था कि जब हम गठबंधन से सरकार बनाएं और हमारे लोग पावर में आ गए हैं। बाकी दोस्त लोग भी पावर में आ गए हैं, तब खुश होना चाहिए, लेकिन मैं बहुत दुखी हूं। उन्होंने कहा कि उस वक्त उनकी पत्नी मीना ठाकरे गुजर गईं थीं। 1996 में बाला साहेब के बड़े बेटे बिंदू माधव ठाकरे गुजर गए थे। उन्होंने कहा कि उस वक्त बाला साहेब बहुत दुखी और नाखुश थे।

बाला साहेब ठाकरे ने कहा कि सरकार आने के बाद हम खुश नहीं हैं, क्योंकि हमारी परिवार में काफी दिक्कतें चल रही हैं। हमारा लड़का चला गया। शिंदे ने कहा कि पावर आने के बाद सब चाहते हैं कि मैं मंत्री बनूं, लेकिन बाला साहेब ठाकरे में ऐसा कुछ नहीं था। उनको सत्ता और मंत्री की लालसा कभी नहीं रही।

एंकर ने टीबी डिबेट के दौरान वकील मानशिंदे से पूछा कि बागी विधायक एकनाथ शिंदे फ्लोर टेस्ट की मांग कर सकते हैं। इस मसले पर आप का क्या कहना है। इस पर मानशिंदे ने कहा, ‘ महाराष्ट्र में जो भी मामला चल रहा है। ये कोर्ट के दरवाजे तक पहुंच गया है। अब जो भी कार्यवाही है, वो 11 जुलाई के बाद हो सकती है। उन्होंने कहा कि जो महाराष्ट्र में चल रहा है, ये बहुत ही दुखदायक है।