लाउडस्पीकर विवाद और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के मुखिया राज ठाकरे की चेतावनी को देखते हुए राज्य की पुलिस हाई अलर्ट पर है। इसको लेकर सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। राज्य के पुलिस महानिदेशक रजनीश सेठ ने कहा है कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पुलिस पुरी तरह से तैयार है। कानून और व्यवस्था को बनाए रखने को लेकर कहीं पर भी कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अराजकता फैलाने वालों को नहीं बख्शेंगे।

सेठ ने कहा: “गृह मंत्री (दिलीप वालसे-पाटिल) ने कानून व्यवस्था के रखरखाव के लिए एक बैठक की। शांति व मोहल्ला कमेटी के साथ कई बैठकें हो चुकी हैं। हम किसी भी कानून-व्यवस्था की समस्या से निपटने में सक्षम हैं और हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। (पुलिस कर्मियों के) सभी अवकाश रद्द कर दिए गए हैं।”

कहा, “हमने 15,000 अपराधियों और असामाजिक तत्वों के खिलाफ निवारक कार्रवाई की है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे कानून और व्यवस्था का कोई मुद्दा न बनाएं। हमने 13,000 लोगों को नोटिस भी दिया है। स्थानीय पुलिस स्तर पर कई बैठकें की गईं। राज्य भर में एसआरपीएफ की 87 कंपनियां और 30,000 से ज्यादा होमगार्ड तैनात किए गए हैं। सार्वजनिक शांति भंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

डीजीपी ने कहा, मनसे नेताओं बाला नंदगांवकर, संदीप देशपांडे और नितिन सरदेसाई को कानून और व्यवस्था को बाधित नहीं करने के लिए नोटिस दिया गया है और कुछ अन्य को मुंबई या उनके गृहनगर छोड़ने के लिए बाहरी नोटिस दिए गए हैं। “मैं लोगों से शांति बनाए रखने और पुलिस के साथ सहयोग करने की अपील करता हूं।” मंगलवार दोपहर पुलिस अधिकारियों से मुलाकात के तुरंत बाद गृह मंत्री दिलीप वालसे-पाटिल मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलने गए।

इससे पहले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के चीफ राज ठाकरे ने 1 मई को औरंगाबाद एक रैली में अपने भाषण के दौरान राज्य सरकार को 4 मई (बुधवार) तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटवाने का अल्टीमेटम दिया था। और कहा था कि ऐसा नहीं होने पर “मस्जिदों के सामने (अज़ान की तुलना में) ऊंची आवाज में हनुमान चालिसा का पाठ लाउडस्पीकर से किया जाएगा।”