महाराष्ट्र में मनसे की चेतावनी के बाद औरंगाबाद स्थित मुगल बादशाह औरंगजेब के मकबरे को ऐहतियातन पांच दिन के लिए बंद कर दिया गया है। इस बात की जानकारी राज्य के उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार ने गुरुवार को दी। उन्होंने बताया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के मुताबिक बंद करने का फैसला तब लिया जब स्थानीय मस्जिद समिति के उसमें ताला लगाने की कोशिश की।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रवक्ता गजानन काले ने मंगलवार को कहा था कि औरंगजेब के मकबरे की कोई जरूरत नहीं है और उसे ज़मींदोज़ कर दिया जाना चाहिए, ताकि लोग वहां न जाएं। औरंगाबाद के खुल्दाबाद इलाके की एक मस्जिद समिति ने मकबरे में ताला लगाने की कोशिश की थी। मकबरा खुल्दाबाद इलाके में ही है। इस पूरे प्रकरण के बाद एएसआई ने मकबरे की सुरक्षा बढ़ा दी थी।
एएसआई के औरंगाबाद क्षेत्र के अधीक्षक मिलन कुमार चौले ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘पहले, मस्जिद समिति ने मकबरे को ताला लगाने की कोशिश की थी, लेकिन हमने उसे खोल दिया था। हालांकि, बुधवार को हमने उसे अगले पांच दिन के लिए बंद करने का फैसला किया।’’ अधिकारी ने कहा, ‘‘ हम स्थिति का आकलन करेंगे और फिर फैसला करेंगे कि उसे खोलना है या अगले और पांच दिन के लिए बंद रखना है।’’
गौरतलब है कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमईएम) के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी इस महीने की शुरुआत में औरंगजेब के मकबरे पर गए थे, उनके इस कदम की महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना के साथ-साथ राज ठाकरे नीत मनसे ने भी आलोचना की थी। ओवैसी के मकबरे पर जाने के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने संदेह व्यक्त किया था कि क्या वह ऐसा करके महाराष्ट्र के शांतिपूर्ण प्रशासन में खलल उत्पन्न करना चाहते हैं। भाजपा ने अकबरुद्दीन ओवैसी के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज किए जाने की मांग की थी।
औरंगाबाद पुलिस ने बताया, “मुगल बादशाह औरंगजेब के मकबरे के आसपास फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और किसी भी तरह की अप्रिय घटना नहीं हुई है। पर्यटकों के यहां आने पर ऐहतियातन रोक लगा दी गई है।”
वाराणसी में काशी विश्वनाथ परिसर स्थित ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि के बगल स्थित ईदगाह विवाद तथा हाल ही में मस्जिदों में लाउडस्पीकर से अजान दिए जाने का विरोध जैसे मुद्दों के बाद औरंगाबाद में औरंगजेब मकबरा का नया विवाद खड़ा हो गया है।