Maharashtra News: महाराष्ट्र विधान सभा ने बुधवार (28 दिसंबर) को महाराष्ट्र लोकायुक्त विधेयक 2022 पारित कर दिया। इससे पहले एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) सरकार ने 18 दिसंबर, 2022 को लोकायुक्त (Lokayukt) पर अन्ना हजारे कमेटी की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी थी।
Maharashtra-Karnataka Border Row पर कोई भी पक्ष नया दावा नहीं करेगा
नागपुर में संवाददाताओं से बात करते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक में तय हुआ कि महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद पर कोई भी पक्ष नया दावा नहीं करेगा। कर्नाटक में मंत्रियों, विधायकों और कांग्रेस अध्यक्षों द्वारा किए गए दावे केंद्रीय एचएम के साथ बैठक के अनुसार नहीं हैं।”
डिप्टी सीएम ने कहा कि मुंबई पर दावा करने की उनकी कोशिश को बर्दाश्त नहीं करेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री के साथ बैठक के खिलाफ दावा करने से दोनों राज्यों के बीच संबंध खराब होंगे। हम केद्रीय गृह मंत्री से कर्नाटक के उन नेताओं को चेतावनी देने की अपील करेंगे जो ऐसी टिप्पणी कर रहे हैं।
Anna Hazare कमेटी की रिपोर्ट को मंजूरी
महाराष्ट्र लोकायुक्त विधेयक 2022 (Maharashtra Lokayukta Bill) को सोमवार को विधानसभा में पेश किया गया था। इस विधेयक में मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल को भ्रष्टाचार रोधी लोकपाल के दायरे में लाने का प्रावधान है। इससे पहले दिसंबर 2022 में ही महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने जानकारी दी थी कि हमने लोकपाल की तर्ज पर महाराष्ट्र में लोकायुक्त शुरू करने की अन्ना हजारे कमेटी की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है। गौरतलब है कि लोकायुक्त में रिटायर जजों समेत 5 लोगों की टीम होगी और मुख्यमंत्री और कैबिनेट को भी इसके दायरे में लाया जाएगा।
विधेयक के अनुसार, लोकायुक्त को मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई जांच शुरू करने से पहले विधानसभा की मंजूरी लेनी होगी और सदन के सत्र से पहले प्रस्ताव लाना होगा। विधेयक के मुताबिक, ऐसे प्रस्ताव को महाराष्ट्र विधानसभा के कुल सदस्यों के कम से कम दो-तिहाई सदस्यों की मंजूरी जरूरी होगी। विधेयक के अनुसार, लोकायुक्त मुख्यमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप से जुड़े ऐसे मामलों की जांच नहीं करेगा, जो आंतरिक सुरक्षा या सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित होंगे।
चयन समिति में शामिल होंगे ये लोग
लोकायुक्त अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के लिए चयन समिति में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, विधान परिषद अध्यक्ष, विधानसभा और परिषद में विपक्ष के नेता और बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश या चीफ जस्टिस द्वारा मनोनीत न्यायाधीश शामिल होंगे।