Ashok Chavan Devendra Fadnavis Meeting: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने हाल ही में मुलाकात की थी। बीजेपी और कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं की मुलाकात के बाद सियासी अटकलों का बाजार गर्म है। दरअसल, दोनों ही नेता बीजेपी के रणनीतिकार आशीष कुलकर्णी के वर्ली स्थित आवास पर गणेश दर्शन के लिए गए थे। फडणवीस और चव्हाण दोनों ही गुरुवार (1 सितंबर) को आशीष कुलकर्णी के घर एक ही समय पहुंचे थे।
देवेंद्र फडणवीस और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण की इस मुलाक़ात के बाद एक बार राजनीतिक दलबदल और सत्ता के खेल की अफवाहों को हवा मिल गई। हालांकि, दोनों नेताओं ने कहा कि यह गणेश उत्सव के दौरान एक शिष्टाचार यात्रा थी। इस मुलाकात को लेकर कांग्रेस नेता नाना पटोले ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की राजनीति में ये परंपरा है कि त्योहार के समय सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता सौहार्दपूर्ण तरीके से एक-दूसरे से मिलते हैं।
आने वाले महीनों में बहुत कुछ हो सकता है: दोनों पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की मुलाकात पर महाराष्ट्र भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस छोड़ने के फैसले के बाद कुछ भी हो सकता है।” बीजेपी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा कि बस प्रतीक्षा करें और देखें, फिलहाल हम किसी निष्कर्ष पर न जाएं। एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, “जो लोग कांग्रेस में अपने राजनीतिक करियर को लेकर चिंतित हैं, उनके बेहतर विकल्प तलाशने की संभावना है। इसलिए आने वाले महीनों में बहुत कुछ हो सकता है।”
अशोक चव्हाण ने किया खारिज: वहीं, दूसरी ओर अशोक चव्हाण ने भाजपा से अपनी निकटता के दावों को निराधार कहकर खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “महाराष्ट्र में गणेश उत्सव के दौरान एक-दूसरे के घर जाने की परंपरा है। इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है।” उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस में हैं और पार्टी के भारत जोड़ो आंदोलन में भाग लेंगे।
कांग्रेस विधायकों ने की थी क्रॉस वोटिंग: बीजेपी नेताओं का कहना है कि जून में विधान परिषद चुनाव के दौरान कम से कम सात कांग्रेस विधायकों ने भाजपा उम्मीदवारों की मदद के लिए क्रॉस वोटिंग की थी। इससे कांग्रेस के दलित उम्मीदवार चंद्रकांत हंडोरे को हार का सामना करना पड़ा था। वहीं, अशोक चव्हाण के नेतृत्व में 11 विधायकों के एक समूह ने एकनाथ शिंदे के विश्वास प्रस्ताव के दौरान मतदान नहीं किया, जिससे भाजपा-शिंदे गुट को विश्वास मत के दौरान प्रचंड जीत मिली।
वोटिंग के दौरान भाजपा-शिंदे गठबंधन सरकार को 164 वोट मिले, जबकि विपक्ष को सिर्फ 99 वोट मिले। हालांकि, वोट न देने वाले कांग्रेसी नेताओं में से कुछ ने कहा कि उन्हें ट्रैफिक के कारण देरी हुई। किसी नेता ने कहा कि उन्हें लगा कि भाषणों के बाद फ्लोर टेस्ट होगा।
जिसके बाद कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं ने सवाल उठाया कि क्या अशोक चव्हाण जो एक पूर्व मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री विश्वास मत की गंभीरता को नहीं समझते? वहीं, भाजपा के राजनीतिक प्रबंधकों का कहना है कि इस घटनाक्रम को कांग्रेस के कमजोर होने और विकल्प तलाशने वाले नेताओं से जोड़ा जा सकता है।