महाराष्ट्र में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुटों के बीच चल रही खींचतान अब पार्टी शाखाओं तक पहुंच गई है। मुख्यमंत्री की फोटो लगाने को लेकर मंगलवार को शिवसेना की डोंबिवली शाखा में ठाकरे और शिंदे के समर्थकों के बीच झड़प हो गई।

एकनाथ शिंदे के समर्थक डोंबिवली शाखा में मुख्यमंत्री और उनके बेटे श्रीकांत की तस्वीरें लगाने के लिए बड़ी संख्या में एकत्र हुए थे। बता दें शिंदे के बेटे श्रीकांत इसी क्षेत्र से लोकसभा सांसद भी हैं।

जल्द ही दोनों गुटों के बीच हाथापाई शुरू हो गई, क्योंकि ठाकरे समर्थकों ने उद्धव ठाकरे की तस्वीर के आगे शिंदे की तस्वीर लगाने का विरोध किया। हालांकि हाथापाई और नारेबाजी के बीच शिंदे समर्थक फोटो लगाने में सफल रहे। वहीं हाथापाई की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को शांत कराया।

बता दें, हाल ही में उद्धव ठाकरे के समर्थकों ने एकनाथ शिंदे और उनके बेटे डॉक्टर श्रीकांत शिंदे की तस्वीरें हटाई थीं। एक हफ्ते में यह दूसरी बार है, जब डोंबिवली में शाखाओं को नियंत्रित करने को लेकर शिवसेना के दो गुटों के बीच संघर्ष हुआ।

30 जुलाई को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे को इशारों-इशारों में चेतावनी थी। शिंदे ने कहा कि अगर मैं बोलना शुरू कर दूंगा तो भूकंप आ जाएगा। एकनाथ शिंदे ने दावा किया था कि उन्हें पता है कि शिवसेना के संस्थापक सदस्य रहे आनंद दिघे के साथ क्या हुआ था। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने के उद्धव ठाकरे के फैसले पर सवाल उठाते हुए एकनाथ शिंदे ने यह भी कहा कि वह अपने बयान से भूचाल ला सकते हैं।

बता दें कि एकनाथ शिंदे के राजनीतिक गुरु आनंद दिघे की 2002 में एक सड़क दुर्घटना के बाद मृत्यु हो गई थी। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के ज्यादातर विधायकों के बगावत करने के बाद इसी साल जून महीने में उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था और एकनाथ शिंदे सीएम बन गए थे। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के मालेगांव में एक रैली में कहा था कि मैंने बालासाहेब ठाकरे की विरासत बचाने के लिए बगावत की।