महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री और आगामी विधानसभा चुनाव में मानखुर्द शिवाजी नगर से एनसीपी (अजित गुट) के उम्मीदवार नवाब मलिक की उम्मीदवारी को लेकर बीजेपी और शिंदे गुट विरोध कर रहा है। दिवाली के बाद एनसीपी चीफ अजित पवार चुनाव प्रचार के लिए मलाड पहुंचे थे। जहां उन्होंने कहा कि 4 नवंबर तक नवाब मलिक को लेकर तस्वीर पूरी साफ हो जाएगी।
बीजेपी-शिंदे गुट कर रही विरोध
मलाड में मीडिया से बात करते हुए महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा, “4 नवंबर तक यह स्पष्ट हो जाएगा कि कौन सा उम्मीदवार किस सीट से चुनाव लड़ेगा।” इससे पहले गुरुवार को दिवाली के दिन मुंबई भाजपा प्रमुख आशीष शेलार ने कहा, ” अजित पवार को एनसीपी से नवाब मलिक को टिकट नहीं देना चाहिए था। राज्य में बहुत से लोग ऐसा सोचते हैं। मलिक के खिलाफ गंभीर आरोप है जो महाराष्ट्र को स्वीकार्य नहीं है।
शेलार बोले- हम नहीं करेंगे प्रचार
इसके साथ ही शेलार ने कहा कि भाजपा ने नवाब मलिक को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। महाराष्ट्र की जनता दाऊद जैसे अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी का विरोध करती है। इसके बावजूद अगर नवाब को टिकट दिया गया है तो भाजपा ऐसे लोगों से नहीं जुड़ सकती। हम इस उम्मीदवार के लिए प्रचार नहीं करेंगे। इसके बजाय हम उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार का समर्थन करेंगे। वहीं बीजेपी के साथ ही शिवसेना शिंदे गुट भी मलिक का विरोध कर रहा है।
‘अजित पवार को ब्लैकमेल किया गया, अब फडणवीस मुश्किल में
एनसीपी (अजित गुट) ने नवाब मलिक के अलावा उनकी बेटी सना मलिक को भी अणुशक्ति नगर से टिकट दिया है। अजित पवार के इन फैसलों को लेकर महायुति में सबकुछ ठीक नहीं चला रहा है। बीजेपी और शिंदे गुट अजित पवार से खुश नहीं है।
बीते 28 अक्टूबर को एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने बारामती विधानसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल किया था। इस चुनाव में अजित के खिलाफ महाविकास अघाड़ी की ओर से अजित के भतीजे और शरद पवार के पोते, युगेंद्र पवार एनसीपी (शरद पवार) के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि जून में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान बारामती लोकसभा से एनसीपी (शरद पवार) की ओर से अजित की चचेरी बहन और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले चुनाव लड़ रही थीं। जबकि अजित पवार ने अपनी पत्नी सुनैना पवार को एनसीपी (अजित गुट) से उतारा था। इस चुनाव में सुले ने सुनैना को बड़े अंतर से हराया था।