देशभर में ईद-उल-अजहा का त्योहार आगामी 10 जुलाई को मनाया जाएगा। ऐसे में महाराष्ट्र में जानवरों की बलि को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ने महाराष्ट्र के डीजीपी को पत्र लिखा है। बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने महाराष्ट्र के डीजीपी रजनीश सेठ को एक पत्र लिखकर कहा है कि वे सुनिश्चित करें कि राज्य में बकरीद के दिन गायों का वध न हो।
गौरतलब है कि धुल हिज्जा का इस्लामी कैलेंडर महीना, साल का अंतिम महीना माना जाता है। इसके दसवें दिन बकरीद मनाई जाती है। इस दिन मुस्लिम समुदाय परंपरागत रूप से भेड़ या मवेशियों की कुर्बानी देते हैं। ऐसे में महाराष्ट्र में गायों का वध न हो इसके लिए प्रशासन को सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने राज्य के डीजीपी को पत्र लिखा है।
मालूम हो कि महाराष्ट्र में गौ हत्या अपराध की श्रेणी में आता है। बीजेपी-शिवसेना सरकार ने इसपर प्रतिबंध लगाया था। वहीं गौ मांस बेचने और उसे रखने पर पांच साल तक की जेल और दस हजार तक के जुर्माने का प्रावधान है।
हरिद्वार में मिली कुर्बानी की अनुमति: बता दें कि उत्तराखंड में पूरे हरिद्वार जिले को ‘वध-मुक्त क्षेत्र’ घोषित करने के राज्य सरकार के फैसले पर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। गौरतलब है कि गुरुवार को उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हरिद्वार में ईद-उल-अजहा के मौरे पर कुर्बानी की अनुमति दी है।
बता दें कि कोर्ट ने जिले के मंगलौर नगरपालिका के एक बूचड़खाने में बलि की अनुमति दी है। दरअसल राज्य सरकार के रोक वाले निर्देश के खिलाफ हरिद्वार निवासी फैसल हुसैन ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। इसपर मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने गुरुवार को अपने निर्देश में कहा कि ईद-उल-अजहा के दिन नगर पालिका में कानूनी रूप से संचालित बूचड़खानों में ही पशुओं की बलि की जाए।
फैसल की क्या थी दलील: फैसल हुसैन ने अपनी दलील में कहा कि था कि इस्लाम में जानवरों का वध एक आवश्यक धार्मिक प्रथा है और ईद अल-अजहा त्योहार के लिए मंगलौर के बूचड़खाने में जानवरों की बलि की अनुमति दी जानी चाहिए।