Jammu-Kashmir को केंद्र शासित प्रदेश बनाने और Article 370 में व्यापक संशोधन का मुद्दा महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों (Maharashtra Assembly Election) में भी गूंज रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने महाराष्ट्र की एक सभा में कहा कि यदि कश्मीर को केंद्र सरकार की तरफ से दिया गया सारा पैसा वहां की पूर्ववर्ती सरकारों ने इस्तेमाल किया होता तो वहां के घरों की छतें सोने की हो गई होतीं।

रैली में यूं बरसे गृह मंत्री अमित शाहः केंद्रीय मंत्री शाह ने रविवार (22 सितंबर) को सब-अर्बन गोरेगांव में एक रैली में कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाला अनुच्छेद 370 वहां की सरकारों को भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) की स्थापना नहीं करने की इजाजत देता था, जिससे विकास कार्यों के लिये केंद्र द्वारा भेजे गये धन की लूट आसान हो गई।

‘बेईमानी से हथिया लेते हैं पैसे’: उन्होंने आरोप लगाया, ‘जम्मू-कश्मीर की पूर्ववर्ती सरकारों ने भ्रष्टाचार रोधी कानून को लागू करने की अनुमति नहीं दी। यहां तक कि वहां कोई भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) नहीं था। इससे पहले की सरकारें घोर भ्रष्टाचार में लिप्त थीं। चूंकि वहां कोई एसीबी नहीं है, इसलिए जनता के लिये भेजी गयी रकम बेईमानी से हथिया ली जाती थी।

शाह ने दावा किया, ‘जम्मू-कश्मीर में दो लाख 27 हजार करोड़ रुपया भारत (सरकार) का गया, अगर भ्रष्टाचार नहीं हुआ होता तो हर कश्मीरी के घर पर सोने के पत्तरे लग गये होते।’ अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म करने के केंद्र के फैसले पर यहां एक रैली में उन्होंने कहा कि केंद्र के इस फैसले से जम्मू-कश्मीर में विकास होगा। उन्होंने कहा, ‘अनुच्छेद 370 जम्मू कश्मीर की संस्कृति के संरक्षण के लिये नहीं बल्कि यह उनके (नेताओं के) भ्रष्टाचार के संरक्षण के लिये था।’