सूखा प्रभावित महाराष्ट्र के ग्यारह बड़े सिंचाई बांधों में से सात का जल भंडार खत्म हो चुका है। एक सरकारी आंकड़े से इस बात का खुलासा हुआ है। जल संसाधन विभाग की ओर से 15 अप्रैल को जारी आंकड़ों के अनुसार, सूखा प्रभावित मराठवाड़ा क्षेत्र में 814 बड़ी, मध्यम और छोटी सिंचाई परियोजनाओं में केवल तीन फीसद जल भंडार उपलब्ध है।
मराठवाड़ा के सात बड़े सिंचाई बांधों में जल भंडार पूरी तरह खत्म हो चुका है। इसमें जायकावाड़ी, पूर्ण सिद्धेश्वर, मजलगांव, मांजरा, निचले तेरना, मन्नार और सिना कोलेगांव शामिल है और यह औरंगाबाद, परभनी, बीड़, नांदेड़ और ओस्मनाबाद जिलों में स्थित हैं। इन आंकड़ों के अनुसार, इन बांधों के अलावा, इस क्षेत्र में स्थित पूर्णा यलदारी बांध में दो फीसद, ऊपरी पेनगंगा में 10 फीसद, विष्णुपुरी में सात फीसद और निचले दुधना में 18 फीसद जल भंडार मौजूद है।
मराठवाड़ा में 75 छोटे सिंचाई बांधों में केवल चार फीसद जल भंडार मौजूद है जबकि 728 अति छोटे बांधों में तीन फीसद के करीब जल भंडार मौजूद है। राज्य में सूखे के संकट से निपटने के लिए जल संसाधन विभाग ने पूरे महाराष्ट्र में 4,356 पीने के पानी के टैंकर भेजे हैं।