Who Is Anjana Giri: यूपी के प्रयागराज में महाकुंभ मेला 2025 का आयोजन किया जा रहा है। यहां गंगा यमुना एवं अदृश्य सरस्वती के पावन संगम की रेती पर 12 वर्षों के पश्चात दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक धार्मिक एवं आध्यात्मिक मेले का आयोजन 13 जनवरी से शुरू हो रहा है। वहीं, इस बार कुंभ में सनातन धर्म का सबसे बड़ा समागम भी होता है।
महाकुंभ के मेले में सनातन धर्म से जुड़े दुनिया भर के साधु, संत सन्यासी एवं श्रद्धालु अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर महाकुंभ की महिमा की अनुभूति करते हैं। ऐसे में आध्यात्मिक चमत्कारिक और अलौकिक बाबा भी अपने तपस्या के माध्यम से दुनिया के कल्याण के लिए अपने अनोखे अंदाज में भक्ति करते हुए देखे जा सकते हैं। इसी क्रम में अटल अखाड़े की अंजना गिरि इस वक्त काफी चर्चा में हैं।
अटल अखाड़े की अंजना गिरि, जो कभी एंजेला हुआ करती थीं। वो सालों पहले इटली से भारत आईं और उन्होंने सनातन धर्म को अपना लिया। भारत में अपनी यात्रा के बारे में अंजना गिरि कहती हैं कि भारतीय भूल जाते हैं कि उनकी प्राचीन संस्कृति कितनी अच्छी है। यही समस्या है। वो कहती हैं कि भारत की प्राचीन संस्कृति सबसे अच्छी है…यह (सनातन) जीने का दर्शन है…भारतीय दर्शन कहता है कि आप ईश्वर हैं, ईश्वर आपके अंदर है। आप ईश्वर का अंश हैं।
प्रयागराज महाकुंभ के बारे में अंजना गिरी कहती हैं कि यह एक बड़ा ‘मेला’ है। यहां बहुत अधिक ऊर्जा है…यह प्रेम का एक बड़ा मिलन है। यहां हर कोई खुश है…ये तो परिवार का मेला है। भगवान का मेला है…”
इसी कड़ी में उदयपुर से आए मौनी बाबा हैं, जो काफी डिजिटल हैं। झीलों के शहर उदयपुर राजस्थान से आये मौनी बाबा रामानुजपुरी जी महाराज सबसे अनोखे हैं। 12 वर्षों के लिए मौन धारण किए मौनी महाराज अपने शिष्यों से सारी बातें डिजिटल के माध्यम से करते हैं। बाबा जी के पास कोई कॉपी कलम नहीं, बल्कि एक स्मार्ट डिजिटल बोर्ड है। जिस पर वह लिखकर अपनी आवश्यकताओं के लिए शिष्यों को बताते हैं।
मौनी महाराज रामानुजपुरी के शिष्य ने एक टीवी चैनल को बताया कि महाराज जी मौन धारण किए हुए हैं, जिनका एक साल से ज्यादा समय बीत चुका है। मौन होने के पीछे का उद्देश्य सनातन धर्म का उत्थान एवं सनातन धर्म को लेकर फैलाई गई बुराइयों को दूर करने के लिए है। मौनी महाराज जी का मानना है कि जब तक भारत में मौजूद सभी मुसलमान सनातन धर्म स्वीकार नहीं कर लेते। तब तक वह मौन धारण किए रहेंगे।
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