बिहार विधानसभा चुनाव में नामांकन पत्रों की जांच के दौरान महागठबंधन के घटक दल विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को करारा झटका लगा है। पूर्वी चंपारण की सुगौली विधानसभा सीट से वीआईपी के उम्मीदवार शशि भूषण सिंह का नामांकन चुनाव आयोग ने रद्द कर दिया है। इसके पीछे तकनीकी वजहों का हवाला दिया गया है।
बिहार के विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इन दिनों दूसरे चरण के लिए नामांकन पत्रों की जांच चल रही है। इस चरण में नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 23 अक्टूबर है।
NDA के जातीय समीकरण के आगे फुस्स होगा विपक्ष का जातीय सर्वेक्षण और वोट चोरी का मुद्दा?
इस बीच, चुनाव आयोग के अफसरों के द्वारा जब नामांकन पत्रों की जांच की गई तो सुगौली विधानसभा सीट से शशि भूषण सिंह के नामांकन को अधूरा पाया गया।
2020 में चुनाव जीते थे शशि भूषण सिंह
2020 के विधानसभा चुनाव में शशि भूषण सिंह इस सीट से आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़कर जीते थे लेकिन इस बार वह वीआईपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे। चूंकि वीआईपी एक रजिस्टर्ड क्षेत्रीय राजनीतिक दल नहीं है, इसलिए शशि भूषण सिंह को अपना नामांकन 10 प्रस्तावकों के साथ रिटर्निंग अफसर के पास जमा करना था लेकिन उन्होंने सिर्फ एक ही प्रस्तावक के साथ अपना नामांकन पत्र जमा किया।
चुनाव आयोग ने जब उनके नामांकन पत्र की जांच की तो इसमें कई खामियां मिलीं और इसके बाद इसे खारिज कर दिया गया। यहां पर महागठबंधन की मुश्किलों में तब और इजाफा हुआ जब आरजेडी के बागी उम्मीदवार ओमप्रकाश चौधरी का नामांकन भी रद्द कर दिया गया।
बिहार में ‘एम-वाई’ पर है RJD का फोकस, तेजस्वी ने क्यों काट दिया 36 विधायकों का टिकट?
एनडीए का रास्ता हुआ आसान
शशि भूषण का नामांकन रद्द होते ही इस सीट पर एनडीए की राह आसान हो गई है। अब इस सीट पर चुनावी मुकाबला एनडीए के घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के बबलू गुप्ता और जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार के बीच है।
बिहार के विधानसभा चुनाव में 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में वोटिंग होगी और चुनाव नतीजे 14 नवंबर को आएंगे।
बिहार कांग्रेस के नेताओं के निशाने पर हैं राहुल के करीबी कृष्णा अल्लावरू