बीमार और ज़ख्मी हथिनी महादेवी को अब राहत मिलने जा रही है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने उसे कोल्हापुर से गुजरात के जामनगर भेजने की मंजूरी दे दी है, जहाँ वह राधे कृष्ण एलिफेंट वेलफेयर ट्रस्ट में रहेगी। यह ट्रस्ट अनंत अंबानी की वंतारा पहल के तहत चलता है और खासतौर पर हाथियों की देखभाल के लिए जाना जाता है।
महादेवी काफी समय से गंभीर चोटों से जूझ रही है। कोर्ट में पेश की गई रिपोर्टों में बताया गया कि वह अब ऐसी हालत में नहीं है कि आम हालात में ठीक हो सके। उसे एक ऐसा माहौल चाहिए जहाँ उसकी ठीक से देखभाल हो, उसे आराम मिले और वह फिर से स्वस्थ हो सके। जामनगर का यह सेंटर ठीक इसी काम के लिए बना है — वहां अनुभवी पशु चिकित्सकों की टीम है, प्राकृतिक माहौल है और इलाज की तमाम सुविधाएं हैं।
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, “हमने हथिनी के जीवन और उसकी अच्छी ज़िंदगी के हक को इंसानों की ज़रूरतों से ज़्यादा अहमियत दी है।” कोर्ट ने ‘पैरेन्स पैट्री’ सिद्धांत का ज़िक्र करते हुए कहा कि ऐसे मौन और असहाय जीवों के हक की रक्षा करना ज़रूरी है। साथ ही लॉरेंस एंथनी की किताब ‘द एलिफेंट व्हिस्परर’ की बात भी याद दिलाई गई, जिसमें जानवरों के साथ संवेदनशीलता की बात कही गई है।
अब उम्मीद की जा रही है कि महादेवी को जामनगर में न सिर्फ इलाज मिलेगा, बल्कि एक ऐसा जीवन भी मिलेगा, जिसमें उसे दर्द नहीं, सुकून और सम्मान मिलेगा।