बुंदेलखंड के ओरछा के रामराजा मंदिर में भगवान राम को आज भी राजा के रूप में पूजा जाता है। मान्यता है कि यह दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां के राजा राम हैं। भगवान श्रीराम का सुबह से ही दरबार शुरू हो जाता है। राजा के दरबार में हजारों की संख्या में रोजाना देश विदेश से श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। यहां आने वाला कोई भी नेता वीआईपी नहीं होता है। चाहे वह देश का कितना भी बड़ा नेता क्यों न हो। इतना ही नहीं यहां श्री राम को ही चारो पहर गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है। आज भी यहां जब कोई वीआईपी आता है तो उसे गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिया जाता है। यहां सलामी सिर्फ और सिर्फ राम राजा सरकार को ही दी जाती है। यहां की ऐसी मान्यता है कि जिसने भी यहां लालबत्ती लगाकर आने की गलती की उसका पद भी गया और कुर्सी भी गई।
स्थानीय लोगों की मानें तो एक स्थानीय निवासी का कहना है कि उनके संज्ञान में तो आज तक कभी ऐसा नहीं आया कि वहां किसी भी वीआईपी या किसी अन्य को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया हो, क्योंकि वहां के राजा सिर्फ राम हैं। इसलिए सिर्फ उन्हीं को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है। यहां जो भी सब आते हैं वह भगवान राजा राम की प्रजा हैं, वह राजा राम के दरबार में आते हैं मत्था टेकते हैं और अपनी हाजरी लगाते हैं।
मान्यता है कि 500 साल पहले बुंदेलखंड की राजधानी ओरछा के राजा मधुकर शाह की पत्नी कुंवर गणेश भगवान श्रीराम को अयोध्या से ओरछा लेकर आई थीं। ऐसी मान्यता है कि भगवान ने आने से पहले रानी के सामन शर्त रखी थी कि जहां हम विराजमान होंगे वहां से हमें कोई नहीं हिला पाएगा, और दूसरी शर्त थी कि ओरछा के राजा हम ही होंगे। शर्त के मुताबिक ओरछा के राजा मधुकर शाह ने अपना सारा राजपाट रामराजा को सौंप दिया था। तभी से यहां भगवान राम को राजा के रूप में पूजा जाता है। इसीलिए यहां उनके सिवाय किसी दूसरे को गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिया जाता है। माना जाता है कि पूरी धरती पर सिर्फ एक ही ऐसा स्थान है जहां भगवान राम को राजा के रूप में पूजा जाता है। इसलिए यहां किसी और को वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं दिया जाता है, यहां सिर्फ भगवान राम ही वीआईपी हैं।