खरगोन हिंसा ने इस इलाके में होनी वाली शादियों पर प्रतिकूल असर डाला है। कहीं बिना बैंड-बाजे की शादी हो रही है तो कहीं कर्फ्यू में लड़के को पैदल चलकर शादी के लिए जाना पड़ रहा है। इन सबके बीच सबसे हैरान करने वाली बात ये सामने आई है कि यहां अब शादियां कैंसिल हो रही हैं।

लोग अपनी बेटियों की शादी खरगोन में करने से कतराने लगे हैं। यहां तक कि सगाई भी रद्द कर दी जा रही है। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार दुल्हन के परिवार नहीं चाहते कि वे हिंसा ग्रस्त इलाके में शादी करें।

खरगोन में इलेक्ट्रीशियन का काम करने वाले शेखर पाटिल की सगाई खरगोन जिले के सेगांव इलाके में हुई थी, लेकिन अब उनके होने वाले ससुराल के लोग चिंतित हैं। वर्तमान माहौल को देखते हुए उन्होंने सगाई तोड़ने का फैसला किया है। एक रिश्तेदार ने कहा- “शेखर को दूसरे इलाके में जाने के लिए कहा गया ताकि वह रिश्ते को बचा सके।”

समय के साथ खरगोन में कर्फ्यू तो हट जाएगा लेकिन दंगों का दाग इस शहर को वर्षों तक परेशान करते रहेगा। ऐसी जगह पर लोग रहने के लिए दो बार सोचते हैं। ऐसा नहीं है कि सिर्फ शेखर के साथ ही ऐसा हुआ है, कई लोग हैं जो दंगों के दंश को झेलने के लिए मजबूर हैं।

अमन वर्मा के परिवार के सदस्य पिछले चार महीने से उसकी शादी को एक भव्य समारोह बनाने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन अब वे पुलिस से अनुमति लेकर और कुछ रिश्तेदारों की उपस्थिति में, धूमधाम के बिना शादी करने के लिए मजबूर हैं। अमन ने बताया कि कर्फ्यू के कारण उनके ज्यादातर रिश्तेदार खरगोन नहीं पहुंच पाए।

जिला सहकारी बैंक प्रबंधक के रूप में काम करने वाले विवेक जोशी ने कहा कि उन्होंने अपने बेटे की शादी के स्थान को खरगोन से लगभग 68 किमी दूर सनावद शहर में बदलने का फैसला किया है। जोशी ने कहा कि हिंसा में बुरी तरह घायल हुए 16 वर्षीय लड़के शिवम शुक्ला के परिवार वालों ने भी 17 अप्रैल को होने वाली लड़की की शादी को टालने का फैसला किया है।

बता दें कि पिछले रविवार को रामनवमी के दिन हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद से खरगोन में कर्फ्यू लगा हुआ है।