मध्य प्रदेश के इंदौर में 71 करोड़ रुपये के एमडी ड्रग्स रैकेट का खुलासा हुआ है। इस रैकेट की सरगना कही जाने वाली महजबीं शेख का रैकेट इंटरनेशनल लेवल तक फैला हुआ है। महजबीं की कहानी किसी फिल्मी विलेन से कम नहीं है, साल 2002 तक वह एक मामूली लड़की थी लेकिन आज ड्रग्स रैकेट की दुनिया में एक जाना पहचाना नाम है। 6 जुलाई को इंदौर पुलिस ने जिन चार आरोपियों को MDMA ड्रग्स मामले में गिरफ्तार किया था उसमें महजबीं शेख भी शामिल थी। इस मामले में अब तक कुल 32 आरोपी पकड़े जा चुके हैं, मुंबई के 1993 ब्लास्ट मामले में सजा काट चुका है, एक आरोपी गुलशन कुमार हत्याकांड में शामिल रह चुका है। ऐसे आरोपियों के बीच मेहजबीं कैसे ड्रग्स की लेडी डॉन बन गई जानना जरूरी है।

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महजबीं मूल रूप से गुजरात की रहने वाली है। उसकी पहली शादी बड़ौदा में अशरफ अली से हुई थी। 2002 में हुए दंगों के बाद महजबीं बड़ौदा से मुंबई आ गई, लेकिन यहां उसकी शादी टूट गई। महजबीं ने कुछ ही दिनों के बाद मुंबई निवासी एक शख्स से शादी कर ली, लेकिन यहां भी बात नहीं बनी। इसके बाद वह अपने प्रेमी के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगी। इस दौरान आर्थिक परेशानियों से घिर गई, उसने पहले घर में बुटिक का काम शुरू किया, इसी दौरान उसकी मुलाकात निजामुद्दीन दरगाह पर देवी किन्नर से हुई और यहीं से उसने ड्रग्स की दुनिया में कदम रखा।

दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक, महजबीं ने जब देवी किन्नर को अपनी आर्थिक तंगी के बारे में बताया तो किन्नर ने उसे कोकीन तस्करी के काम में लगा दिया। यहां उसका संपर्क जुबेर और सलीम से हुआ. इसके बाद सड़क मार्ग के रास्ते मेहजबीं अपने साथियों के साथ ड्रग्स इंदौर से मुंबई सप्लाई करने लगी।

कोरोना काल में जब हालात बिगड़े और लॉकडाउन की स्थिति बनी तो मेहजबीं ने अपने रैकेट को पूरी तरह से काम पर लगा दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उसने किसी तरह इशेंशियल सर्विस का पास हासिल किया और दवाओं के पैकेट में ड्रग्स की तस्करी का काम तेज कर दिया।  महामारी के दौरान दवाओं को लेकर कोई खास सख्ती नहीं थी तो ड्रग तस्करों के लिए यह काम आसान हो गया। कई बार ड्रग्स की सप्लाई एसेंशियल सर्विस के नाम पर भी की गई।

महजबीं पुलिस से बचने के लिए बांग्लादेश के सिम का इस्तेमाल किया करती थी। उसी से डीलरों से बात करती थी या फिर मोबाइल एप्स के माध्यम से बात की जाती थी। पुलिस को महजबीं के पास से दो मोबाइल भी मिले हैं, जिनसे और सबूत निकाले जाने की कोशिश की जा रही है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पुलिस ने जनवरी महीने में पांच आरोपियों को 70 करोड़ रुपये की ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया था। इनके पास से 13 लाख रुपये कैश भी बरामद हुए थे. जानकारी के मुताबिक ये लोग ड्रग्स की सप्लाई करने और बदले में टोकन मनी लेने के लिए जुटे थे।

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First published on: 09-07-2021 at 19:08 IST