मध्यप्रदेश में हाल ही में पंचायत चुनाव संपन्न हुए और कुछ रोचक परिणाम भी सामने आयें। इसी क्रम में मध्य प्रदेश के अलीराजपुर में पूर्व सरपंच की दो पत्नियां चुनाव जीत गईं, लेकिन पूर्व सरपंच को अपनी तीसरी पत्नी को चुनाव नहीं लड़ाने का अफ़सोस है। अलीराजपुर के नानपुर में पूर्व सरपंच समर्थ मौर्या की एक पत्नी सरपंच बन गई जबकि दूसरी पत्नी पंच बन गई। लेकिन सरकारी नौकरी करने के कारण उनकी तीसरी पत्नी चुनाव नहीं लड़ पाई।

पूर्व सरपंच समर्थ मौर्या की तीसरी पत्नी शिक्षा विभाग में चपरासी है और इस कारण वह चुनाव नहीं लड़ पाई और इसका पूर्व सरपंच को अफ़सोस है। अगर सरपंच की तीसरी पत्नी को चुनाव लड़वाना होता, तो पहले उनकी पत्नी को शिक्षा विभाग के चपरासी की नौकरी से इस्तीफा देना पड़ता। हालांकि उनकी दोनों पत्नियां चुनाव जीत गईं हैं।

पूर्व सरपंच समर्थ मौर्या ने यूट्यूब समाचार चैनल एमपी तक से बात करते हुए कहा, “मैं 2002 से बीजेपी में काम कर रहा हूं। 2010 में मैं पंच बना और उपसरपंच बना। 2015 में फिर से सरपंच बना। 2022 में महिला सीट होने के कारण एक पत्नी को मैंने सरपंच का चुनाव लड़वाया और जनता ने आशीर्वाद दिया। एक पत्नी पार्षद का चुनाव लड़ी और वह भी जीत गई। सबके सुख-दुख में मैं मौजूद रहता हूं और आगे भी रहूँगा।”

समर्थ मौर्या ने कहा कि मेरी दो पत्नियों को पंचायत चुनाव में जनता ने आशीर्वाद दिया और मेरी एक पत्नी शिक्षा विभाग में काम करती है। हम सब मिलकर साथ रहते हैं। बता दें कि इसी वर्ष अप्रैल महीने में समर्थ मौर्या ने एक साथ तीन लड़कियों के साथ शादी रचाई थी और यह शादी सुर्ख़ियों में भी रही थी। समर्थ मौर्या ने एक साथ तीन लड़कियों के साथ सात फेरे लिए थे।

समर्थ मौर्या आदिवासी समुदाय के बिलाला जनजाति से आते हैं और इस जनजाति में विवाह हिन्दू नियमानुसार नहीं होते हैं। समर्थ मौर्या पिछले 15 सालों से रिलेशन में थे लेकिन परिवार की स्थिति सही न होने के कारण वह शादी नहीं कर रहे थे। लेकिन इसी वर्ष अप्रैल महीने में उन्होंने शादी रचाई।