मध्यप्रदेश में रेलवे की बड़ी लापरवाही सामने आई है। झांसी डिवीजन के अधिकारियों की लापरवाही के कारण 90 कि.मी रफ्तार से दौड़ रही शताब्दी को 45 कि.मी चलने के बाद गंजबासौदा रेलवे स्टेशन पर रोका दिया गया। तेज रफ्तार से चल रही शताब्दी के एक डिब्बे के पहिए का स्प्रिंग टूट गया जिसके बाद ड्राइवर ने रेल को गंजबासौदा में बिना किसी से पूछे ही रोक दिया। गनिमत तो यह रही कि जिस डिब्बे का स्प्रिंग टूटा था वह डिब्बा दिल्ली से ही खाली आ रहा था।
शताब्दी के ड्राइवर ने बताया कि शताब्दी एक्सप्रेस की सी/5 बोगी का स्प्रिंग टूटने की आवाज यात्रियों को सुनाई दी थी। इसकी जानकारी यात्रियों ने गार्ड और ड्राइवर को दी। यात्रियों की शिकायत के बाद ड्राइवर ने शताब्दी को बिना किसी रेलवे स्टेशन के बीच में ही रोक दिया। शताब्दी के बीच में ही रुक जाने की खबर जैसे ही सीएनडब्ल्यू स्टाफ को लगी तो वह तुरंत मौके पर पहुंचे। पूरी रेल का जायज़ा लेने के बाद बड़े अधिकारियों ने शताब्दी को अगले स्टेशन की तरफ रवाना कर दिया।
आपको बता दें कि शताब्दी एक्सप्रेस को बीना स्टेशन पर मेन लाइन से करीब 12.30 बजे गुजारने के लिए सिग्नल दिया गया था। झांसी डिवीजन में कोच की टूटी स्प्रिंग को रेलवे कर्मचारियों ने देखा था और इसकी जानकारी अधिकारियों को दी थी। लेकिन अधिकारियों ने इसे नजरअंदाज कर दिया था। वहीं रेल प्रबंधक के एस पाल का कहना है कि भोपाल रेल मंडल के अधिकारियों द्वारा दिए गए आदेश के बाद शताब्दी से टूटी स्प्रिंग वाले कोच को हटा दिया गया है। जानकारी के अनुसार इस कोच में एक भी यात्री नहीं था और यह कोच दिल्ली से ही खाली आ रहा था। यदि इस कोच में यात्रियों का रिजर्वेशन होता तो उसे खाली कराने में बहुत दिक्कत आती और उन्हें दूसरी बोगियों में भी शिफ्ट करने में परेशानी होती।
रेल कर्मचारियों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक पूरी बोगी का भार स्प्रिंग पर ही होता है। उन्होंने बताया कि एक बोगी में ऐसी चार स्प्रिंग लगी होती हैं जो कि बोगी का भार सम्भालने में सक्षम होती हैं। कर्मचारियों ने बताया कि अगर स्प्रिंग अपनी जगह से गिर जाती तो एक बहुत बड़ा हादसा हो सकता था।

