मध्य प्रदेश के हरदा जिला प्रशासन ने मंगलवार (23 मई) को पूर्व भाजपा मंत्री कमल पटेल के बेटे सुदीप को पांच जिलों की सीमारेखा से एक साल तक बाहर रहने के लिए कहा है। सुदीप पर 14 आपराधिक मामले चल रहे हैं। मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह सरकार में राजस्व मंत्री रहे कमल पटेल का कहना है कि खनन और बालू माफिया के खिलाफ दो हफ्ते पहले चलाए गए उनके अभियान की वजह से जिला प्रशासन ने ये कदम उठाया है। तीन दिन से भोपाल में मौजूद पटेल ने भाजपा के मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष नंदकुमार चौहान से मुलाकात भी की।
कमल पटेल ने हरदा, देवास, सीहोर और होशंगाबाद में नर्मदा नदी में किए जा रहे कथित अवैध खनन के खिलाफ नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (एनजीटी) में शिकायत की थी। कमल पटेल ने इन जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस अफसरों पर बालू माफिया से मिलीभगत का आरोप लगाया था। कमल पटेल द्वारा हाल ही में चलाया गया अभियान राज्य के मुख्यमंत्री नर्मदा सेवा यात्रा के समापन समारोह के दिन ही समाप्त हुआ था। नर्मदा समापन यात्रा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए थे।
भाजपा के अंदरूनी सूत्रों की मानें तो अपने 32 वर्षीय बेटे के खिलाफ की गई कार्रवाई की वजह से कमल पटेल बौखला गए हैं। उनके बेटे सुदीप भी भाजपा के नेता हैं। कमल पटेल और उनके बेटे सुदीप पर साल 2013 में गौहत्या की अफवाह के बाद सांप्रदायिक दंगे को उकसावा देने का आरोप है। सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में आरोप लगाया है कि पटेल और उनके बेटे को बचाने के लिए राज्य प्रशासन द्वारा 2013 के दंगों की उचित जांच नहीं की गई।
हरदा जिला प्रशासन ने सुदीप को 48 घंटे की नोटिस देते हुए हरदा, खंडवा, देवास, होशंगाबाद और बेतुल जिले से बाहर रहने के लिए कहा है। कमल पेटल ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहा हूं। मैंने बालू माफिया का मुकाबला करने की हिम्मत की है। मुझे और मेरे बेटे को कई जाली मामलों में फंसाया गया है। लेकिन मैं संघर्ष जारी रखूंगा।” कमल पटेल ने आरोप लगाया कि सीएम शिवराज सिंह चौहान की विधान सभा बुधनी में भी अवैध बालू खनन जारी है।
कमल पटेल हरदा विधान सभा से चार बार चुनाव जीत चुके हैं। पटेल पहली बार 1993 में चुनाव जीतकर विधान सभा पहुंचे थे। साल 2005 में उन्हें तत्कालीन बाबूलाल गौड़ सरकार में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया। बाद में शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री बनने पर उन्हें प्रोन्नति देकर कैबिनेट रैंक दी गई थी। वो आखिरी बार 2008 में हरदा से विधायक चुने गए थे।

