मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने दिग्गज नेता और पूर्व सांसद सत्यव्रत चतुर्वेदी को पार्टी से निकाल दिया है। चतुर्वेदी पर आरोप है कि वो चुनाव में बेटे की मदद कर रहे थे, जो समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। बता दें कि सत्यव्रत कई दशकों से कांग्रेस जुड़े रहे हैं। वह लोकसभा और राज्यसभा के लिए चुने जा चुके हैं। पू्र्व में कई मंत्रालय संभालने के अलावा संसदीय समितियों के भी सदस्य रहे हैं। सत्यव्रत चतुर्वेदी चुनावी राज्य मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह के नेतृत्व वाली कॉर्डिनेशन कमेटी में शामिल थे। खबर है कि पूर्व सांसद के बेटे नितिन राजनगर से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस की ओर से वादा किए जाने के बावजूद नितिन को कांग्रेस का टिकट ना दिए जाने से चतुर्वेदी नाराज हो गए। इसलिए खुले तौर पर चुनाव में बेटे की मदद करने लगे। इस मामले में उनका कहना है कि वे एक बेटे के लिए उसके पिता का फर्ज निभा रहे हैं।
कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता के इस व्यवहार पर सोमवार की शाम पार्टी प्रदेश दफ्तर से सत्यव्रत के निष्कासन की चर्चा ने जोर पकड़ा, पार्टी की प्रदेश इकाई की बैठक में मंथन हुआ और लंबी चर्चा के बाद निष्कासन की अनुशंसा कर दी गई। हालांकि इस पर फैसला अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) को लेना है। पार्टी के प्रदेश कार्यालय के सूत्रों का कहना है कि राज्य इकाई को चतुर्वेदी को निष्कासित करने का अधिकार नहीं है, क्योंकि वे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य हैं। लिहाजा, निष्कासन की अनुशंसा प्रदेश इकाई ने एआईसीसी को भेज दी है। अब फैसला एआईसीसी को करना है। चतुर्वेदी पर अनुशासनहीनता का आरोप लगा है, साथ ही पार्टी हाईकमान के खिलाफ टिप्पणी करने के भी आरोप लग रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि चतुर्वेदी की बुंदेलखंड के कई क्षेत्रों में पैठ है, वे किसी उम्मीदवार को जिता नहीं सकते मगर कांग्रेस के उम्मीदवार को हराने की क्षमता रखते हैं। लिहाजा, अभी पार्टी को चतुर्वेदी सिर्फ एक सीट राजनगर में ही चुनौती दे रहे है, उन्हें पार्टी से बाहर किया जाता है तो चुनाव जिस मोड़ पर खड़ा है, उसमें पार्टी को बड़ा नुकसान होने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता। सूत्रों के मूताबिक, निष्कासन के बाद चतुर्वेदी स्वतंत्र हो जाएंगे और पूरे क्षेत्र में पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलने में नहीं हिचकेंगे। यही कारण है कि एआईसीसी भी मंथन कर रही है, क्योंकि बुंदेलखंड की कई सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय है और कांग्रेस किसी भी तरह का नुकसान उठाने को तैयार नहीं है। (एजेंसी इनपुट सहित)