मध्‍य प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सोशल मीडिया पर कड़ी टक्‍कर चल रही है। एक तरफ बीजेपी के साइबर वॉरियर्स हैं तो दूसरी ओर ‘राजीव के सिपाही’ मतलब कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम। कभी ट्विटर तो कभी फेसबुक और वॉट्सऐप पर तो खुलकर मुकाबला चल रहा है। इन दिनों कांग्रेस पार्टी के मध्‍य प्रदेश चुनाव प्रभारी कमलनाथ का एक और वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा में हैं। इसमें वह ‘बिजली पूरी, बिल हाफ’, ‘किसानों का कर्जा माफ’, ‘इस बार कमल नहीं, कमलनाथ को चुनिए’ जैसे बातें बोलते दिख रहे हैं।

कांग्रेस के इस वीडियो में हिंदुत्‍व कार्ड भी देखने को मिल रहा है। गुजरात की तरह यहां भी कांग्रेस सोशल मीडिया के जरिए हिंदुओं को रिझाने में लगी है। मध्‍य प्रदेश चुनाव का नतीजा चाहे जो हो, लेकिन बीजेपी को टक्‍कर देने के लिए कांग्रेस कम से कम सोशल मीडिया पर तो काफी एग्रेसिव दिख रही है। बीजेपी के बारे में तो यह पहले से ही माना जाता है कि उसकी सोशल मीडिया पर अच्‍छी पकड़ है। बहरहाल, कांग्रेस-बीजेपी के बीच सोशल मीडिया की लड़ाई बूथ स्‍तर तक जा पहुंची है।

कुछ दिनों पहले मध्‍य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस के बीच पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर सोशल मीडिया पर जंग छिड़ गई। इधर से वार हुआ तो उधर से पलटवार। दरअसल, दोनों ही पार्टियों ने सोशल मीडिया पर मजबूत पकड़ बनाने के लिए काफी बड़े स्‍तर पर तैयारी की है। मध्‍य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने सोशल मीडिया वॉर रूम बनाए हैं। बीजेपी के आईटी सेल इंचार्ज शिवराज सिंह डाबी के मुताबिक करीब 70,000 बीजेपी साइबर वॉरियर्स चुनाव में जान झोंक रहे हैं। दूसरी ओर ‘राजीव के सिपाही’ भी कड़ी टक्‍कर दे रहे हैं।

कांग्रेस की राज्‍य ईकाई के आईटी सेल इंचार्ज धर्मेद्र बाजपेयी सोशल मीडिया पर पार्टी मजबूत पकड़ के लिए कड़ी मेहनत की है। वहीं, भाजपा आईटी सेल के प्रदेशाध्यक्ष शिवराज डाबी के मुताबिक, पार्टी ने बूथ स्तर तक सभी को प्रशिक्षित किया। कंटेट, रिसर्च सभी क्षेत्र के विशेषज्ञों को टीम में शामिल किया गया है। पार्टी ने अभी तक जो विषय वायरल किए, वे सभी सफल रहे हैं। कांग्रेस के चुनाव प्रभारी कमलनाथ सोशल मीडिया को लेकर बेहद गंभीर हैं। कमलनाथ ने अगस्‍त में अपनी पार्टी की सोशल मीडिया टीम को कड़ी फटकार लगाई थी। उन्‍होंने कहा कि हम सोशल मीडिया पर बीजेपी की तुलना में बेहद कमजोर हैं। कमलनाथ पार्टी की सोशल मीडिया टीम को 15 दिन का अल्‍टीमेटम तक दे डाला था। इसके बाद जाकर कांग्रेस की गाड़ी पटरी पर आई। कमलनाथ ने पार्टी की सोशल मीडिया टीम से एग्रेसिव कैंपेन चलाने को कहा। साथ ही इस बात पर भी जोर दिया कि नेगेटिव पब्लिसिटी पर फोकस नहीं किया जाए।

मध्‍य प्रदेश में राजनीतिक वार-पलटवार में अब क्रिएटिविटी बेहद अहम हो चली है। आरोप कुछ इस प्रकार से लगाए जा रहे हैं, जो जुमलों की तरह जनता की जुबान पर चढ़ जाएं। यही कारण है कि कभी बीजेपी तो कभी कांग्रेस की ओर से नए-नए वीडियो जारी किए जा रहे हैं। बीजेपी जहां सोशल मीडिया पर कांग्रेस पछाड़ने के लिए शिवराज सिंह चौहान को बाहुबली के तौर पर पेश कर चुकी है तो वहीं कांग्रेस जवाब में कमलनाथ को सिंघम अवतार में उतार चुकी है।