जैन मुनि तरुण सागर को लेकर सिंगर विशाल डडलानी की विवादित टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर जहां डडलानी की आलोचनाएं की गईं। वहीं मुनि को लेकर जोक्स भी बनाए गए। तरुण सागर का व्यक्तिव और स्पीच उन्हें दूसरे जैन मुनियों से अलग बनाता है। आरएसएस की ड्रेस से लेदर बेल्ट हटाए जाने का क्रेडिट सागर को ही जाता है। यहीं नहीं मध्य प्रदेश में शराब की नई दुकानें न खोलने का वादा भी उन्होंने ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लिया था।
मध्य प्रदेश के दमोह में जन्में तरुण सागर का नाम (मुनि बनने से पहले) पवन कुमार जैन है। कुछ साल पहले कर्नाटक में एक धार्मिक सभा में उन्हें क्रांतिकारी के टाइटल से नवाजा गया था। एक राज्य ने उन्हें स्टेट गेस्ट (राज्य अतिथि) घोषित कर रखा है। तरुण सागर ने 1980 में आचार्य पुष्पदंत सागर से मुनि की दीक्षा ली थी। संभवता उनके जैनियों से ज्यादा हिंदू अनुयायी है। जैन मुनि राजनेताओं खासकर मुख्यमंत्रियों और राज्यपालों का खाना स्वीकार कर लेते हैं। जबकि दूसरे जैन मुनि जो उनसे वरिष्ठ भी हैं, आमतौर पर जैनियों का ही खाना स्वीकार करते हैं।
तरुण सागर ने सितंबर 2009 में नागपुर में आरएसएस के विजयदशमी कार्यक्रम में भाग लिया था। इस दौरान उन्होंने आरएसएस के नेतृत्व को सलाह दी थी उन्हें चमड़े की बेल्ट पहनान बंद कर देनी चाहिए, जिससे जानवरों की हत्या पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। माना जाता है इस अपील के बाद से आरएसएस की ड्रेस से लेदर बेल्ट को हटा दिया गया था। साल 2010 में मध्य प्रदेश के गुहांची गांव (जहां जैन मुनि का जन्म हुआ था) में कार्यक्रम के दौरान बीजेपी सरकार ने उन्हें राज्य अतिथि घोषित किया था। उस समय जैन मुनि ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कहा था, ‘मैं सम्मानित महसूस करुंगा अगर राज्य में शराब की बिक्री और बूचड़खाने स्थापित करने पर रोक लगाई जाए। इसके बाद चौहान ने एमपी में नई शराब की दुकानें न खोले जाने की घोषणा की थी। हालांकि स्लॉटर हाउस के मुद्दे पर शिवराज चुप्पी साध गए थे।
वहीं अक्टूबर 2013 में आरएसएस के स्थापना दिवस पर जैन मुनि ने नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए उन्हें ‘करिश्माई व्यक्तित्व’ और शिवराज सिंह चौहान को ‘जादुई नेतृत्व कौशल’ वाला बताया था। भोपाल में रहने वाले मुनि के एक अहम फॉलोवर पंकज प्रधान का कहना है कि तरुण सागर की स्पीच में कुछ भी गलत नहीं है। उनकी फॉलोइंग धर्म से अलग है, क्योंकि वह ऐसी भाषा का इस्तेमाल करते हैं, जो आम इंसान के आसानी से समझ में आ जाती है।

