MP Health Services: मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खोलते हुए एक ऐसा मामला सामने आया है जहां एक गरीब बेटा अपने बीमार पिता को ठेले पर अस्पताल लाने पर मजबूर हो गया। बीमार पिता को अस्पताल ले जाने के लिए बेटा 108 एंबुलेंस नंबर पर फोन लगाता रहा लेकिन एंबुलेंस नहीं पहुंची।
मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार की 108 एंबुलेंस सेवा भिंड जिले में काम नहीं आई। मामला भिंड जिले के दबोह इलाके का है। जहां एक गरीब बेटा अपने बीमार पिता को ठेले पर लादकर अस्पताल ले गया। बीमार पिता को अस्पताल ले जाने के लिए बेटा पड़ोसी के मोबाइल से 108 एंबुलेंस को फोन लगाता रहा लेकिन एंबुलेंस नहीं पहुंची। जिसके बाद लाचार बेटा अपने बूढ़े बाप को ठेले पर लिटा कर 5 किलोमीटर ठेले को धक्का देकर अस्पताल पहुंचा।
फोन करने पर भी एंबुलेंस नहीं पहुंची: दबोह के मारपुरा गांव के निवासी हरि सिंह विश्वकर्मा के बुजुर्ग पिता की रीढ़ की हड्डी में अचानक दर्द होने लगा। पिता को दर्द से तड़पता देखकर हरि सिंह ने पिता को इलाज के लिए अस्पताल ले जाने का फैसला किया। उसके पास अस्पताल ले जाने के लिए कोई साधन नहीं था। ऐसे में सरकार की तरफ से चलाई जा रही 108 एंबुलेंस का लाभ लेने के लिए हरि सिंह ने पड़ोसी के मोबाइल से 108 एंबुलेंस को फोन किया, लेकिन कई बार कोशिश करने के बावजूद भी एंबुलेंस से बात नहीं हो सकी। परेशान हरि सिंह ठेले पर पिता को लेटा कर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दबोह पहुंचा।
हरि सिंह विश्वकर्मा ने खुद बताया कि 108 नंबर पर तीन-चार बार कॉल किया, न तो कोई उठाता है ना ही कोई जवाब आता है। उन्होंने कहा कि मेरा गांव पांच किलोमीटर दूर है, वहां से ठेले पर लिटाकर पिता को अस्पताल लाना पड़ा। आयुष्मान कार्ड के अंतर्गत मुफ्त इलाज मिलने के सवाल पर हरि सिंह ने कहा कि कोई कार्ड नहीं बना है उनका, वो प्राइवेट इलाज ले रहे हैं।
इस बारे में सवाल पूछने पर लहार बीएमओ धर्मेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि उन्हें इस मामले के बारे में अभी पता चला है। मैं वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखकर लापरवाह लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई के लिए कहूंगा। बीएमओ ने कहा कि यह मानवता के खिलाफ एक दुखद घटना है।