जहां किसी चुनाव में सरकार लाखों रुपये खर्च करती है, वहीं मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले में एक ग्राम पंचायत में सरपंच का चुनाव भगवान कृष्ण के चरणों में रखी पर्ची से हुआ। इसको लेकर शाजापुर जिले के गांव कुड़ाना की खूब चर्चा है। इस ग्राम पंचायत में सरपंच के चुनाव में 6 लोगों ने नामांकन किया। लेकिन सरपंच वहीं हुआ जिसके नाम की पर्ची भगवान कृष्ण के चरणों से उठाई गई।
दरअसल शाजापुर जिले में ग्राम पंचायत दास्ताखेड़ी से अलगकर दो गांव कुड़ाना और वजीरपुर बनाया गया। यहां से 6 उम्मीदवारों ने सरपंच पद के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था। इसके बाद सभी 6 उम्मीदवारों के नाम की पर्ची कृष्ण भगवान के चरणों में रखी गई। वहीं तीन साल की एक लड़की को इनमें से एक पर्ची उठाने के लिए कहा गया।
बता दें कि बालिका ने जिसके नाम की पर्ची उठाई, उसे सरपंच घोषित कर दिया गया। इसको लेकर किसी गांव वाले ने विरोध भी नहीं किया। नाम की घोषणा होते ही वहां मोजूद लोगों ने भगवान कृष्ण का जयकारा भी लगाया। वहीं चुनाव से पहले पूरे गांव ने फैसला लिया था कि पहली बार गांव में निर्विरोध सरपंच बनेगा।
गौरतलब है कि इस प्रक्रिया से बच्ची ने उम्मीदवार सीताबाई प्रेम नारायण की पर्ची उठाई। इसके बाद सीताबाई प्रेम नारायण ग्रामीणों ने सरपंच मान लिया। वहीं बाकी उम्मीदवारों ने तहसील गुलाना से अपना नामांकन पर्चा वापस ले लिया। इस तरह के चुनाव की जिले में काफी चर्चा है। एक ग्रामीण ने कहा कि यह बहुत ही सौभाग्य का दिन है कि गुलाना तहसील में कुड़ाना पहला गांव है, जहां इस तरह से निर्विरोध सरपंच चुना गया। ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह के चुनाव के बाद लोगों में काफी उत्साह है।
कुड़ाना की इस घटना से पहले भोपाल की फंदा जिला पंचायत में जनपद सदस्य के लिए हनुमान मंदिर में फैसला हुआ था। बता दें कि कुड़ाना में कुल 1200 वोटर हैं और कुल 10 वॉर्ड हैं।