मध्यप्रदेश में चल रही राजनीतिक उठापटक के बीच कांग्रेस के बागी विधायकों को कोरोनावायरस का ‘खतरा’ सता रहा है। खबर है कि ये बागी विधायक अब मेडिकल सर्टिफिकेट हासिल करने की जुगत में हैं। द प्रिंट की खबर के अनुसार विधायकों को डर है कि बेंगलुरू से भोपाल लौटने के के बाद इन लोगों को क्वारेंटाइन किया जा सकता है। खबर में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि इस बात की चर्चा थी कि शुक्रवार को 22 कांग्रेस विधायक बेंगलुरू एयरपोर्ट पर पहुंचे थे।
वहां इन्हें बताया गया कि भोपाल एयरपोर्ट पर इनकी जांच की जा सकती है और संभव है कि इन लोगों को आइसोलेशन में भेज दिया जाए। माना जा रहा था कि इस कदम से कमलनाथ सरकार भोपाल पहुंचने पर विधायकों को आइसोलेशन में रख सकती है जिससे उनको कुछ समय मिल जाएगा।
खबर में नाम नहीं बताने की शर्त पर एक भाजपा नेता ने बताया कि इन विधायकों की पहले बेंगलुरू एयरपोर्ट पर ही जांच कराई जाएगी। इसके बाद ये लोग हेल्थ सर्टिफिकेट लेकर जाएंगे। इससे इन लोगों की दुबारा भोपाल एयरपोर्ट पर जांच कराने की जरूरत नहीं रहेगी। अब इन बागी विधायकों के रविवार को भोपाल पहुंचने की उम्मीद है।
मालूम हो कि भोपाल के स्वास्थ मंत्री तरुण भनोट ने शुक्रवार को कहा था कि विधायकों को भोपाल आने पर सभी जरूरी ऐहतियात बरती जाएंगी। भनोट का कहना था कि कोरोनावायरस एक बड़ा खतरा है, ऐसे में भोपाल के लोगों के लोगों के सभी जरूरी सावधानियां बरती जाएंगी। ऐसे में हम विधायकों के लिए भी वहीं प्रक्रिया अपनाएंगे।
कमलनाथ ने लिखा शाह को पत्र: इस बीच मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शनिवार को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि वह कथित तौर पर बेंगलुरु एवं अन्य जगहों में बंधक बनाए गए कांग्रेस के 22 विधायकों की रिहाई सुनिश्चित करें ताकि ये विधायक विधानसभा के सत्र में शामिल हो सकें।
मीडिया को जारी शाह को लिखे अपने चार पृष्ठ के पत्र में कमलनाथ ने कहा, ‘‘आप कृपया केन्द्रीय गृह मंत्री होने के नाते अपनी शक्तियों का प्रयोग करें जिससे कांग्रेस के 22 विधायक जो बंदी बनाए गए हैं वे वापस मध्यप्रदेश सुरक्षित पहुंच सकें। साथ ही 16 मार्च से प्रारंभ होने वाले विधानसभा सत्र में विधायक के रुप में अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को बिना भय अथवा लालच के निर्वाह कर सकें।’’