Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के उज्जैन में सोमवार को गौहत्या के आरोपी दो लोगों को स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और सार्वजनिक तौर पर परेड कराई। इसमें एक अधिकारी ने उन्हें डंडे से धमकाया। वे जोर-जोर से नारे लगा रहे थे कि गाय हमारी माता है, पुलिस हमारे बाप हैं। उज्जैन के सुपरिटेंडेट ऑफ पुलिस प्रदीप शर्मा ने इंडिया एक्सप्रेस को बताया कि दो लोगों को अरेस्ट किया गया है,

एसपी ने बताया कि वह 24 से ज्यादा मामलों में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पुलिसवालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने कहा, ‘आरोपियों को क्राइम स्पॉट पर ले जाते समय शायद उनकी परेड कराई गई होगी। मैंने वीडियो नहीं देखा है। वे 24 से ज्यादा आपराधिक मामलों वाले आदतन अपराधी हैं।’ दोनों लोगों की पहचान सलीम और अकीब के तौर पर हुई है।

अंधेरे का फायदा उठाकर भागे थे आरोपी

अधिकारियों ने बताया कि उन्हें कथित तौर पर गौहत्या के बारे में जानकारी मिली थी और उन्होंने मामला दर्ज कर लिया है। एक अधिकारी ने दावा किया कि कुछ लोगों ने उन्हें गाय बांधते हुए देखा और उन्हें पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वे अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले। गिरफ्तारी से कुछ दिन पहले ही कई राइट विंग ग्रुप ने पुलिस पर आरोपियों को गिरफ्तार करने का दबाब बनाया था। गिरफ्तारी के बाद राइट विंग के कार्यकर्ताओं ने घटिया थाना प्रभारी और बाकी अधिकारियों का माला पहनाकर स्वागत किया।

MP के मंत्री बोले- ‘लोगों को सरकार से भीख मांगने की पड़ गई है आदत’

पुलिस ने टीप के आधार पर की कार्रवाई

पुलिस ने बताया कि उन्होंने एक टीप के आधार पर एक्शन लिया और एक वाहन, फोन और कथित गौमांस जब्त किया। जब उनसे यह सवाल किया गया कि क्या यह जानकारी राइट विंग ग्रुप की तरफ से आई थी तो शर्मा ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है। पुलिस के मुताबिक, जिन दो लोगों को अरेस्ट किया गया है उनमें से एक को 16 फरवरी की रात को जैथल गांव के पास एक एसयूवी और एक बंधी हुई गाय के साथ में देखा गया था।

स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना दी गई और कुछ स्थानीय लोगों ने आरोपियों को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वे कथित तौर पर भागने में कामयाब हो गए। मध्य प्रदेश गोवंश वध प्रतिषेध अधिनियम, 2004 की धारा 4, 6 और 9 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इन लोगों को 3 मार्च को इंदौर के पास से गिरफ्तार किया गया था और वे फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। क्यों जरूरी हैं घड़ियाल, किन खतरों का कर रहे सामना