पिता से हुए मामूली से विवाद के चलते एक युवक ने पहले अपने आठ महीने के बेटे को फांसी पर लटकाया फिर पत्नी के साथ खुद को भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आठ घंटे बाद तीनों के फांसी लगाकर मर जाने की घटना का पता लगते ही पोरसा के धर्मगढ़ गांव में दहशत फैल गई। पुलिस की जांच में जो तथ्य सामने आये हैं उसके अनुसार पूरन (25) पत्नी सीमा (22) और बंटे अंशुल (8माह) के साथ दिल्ली में रहता था वह वहां की एक मिठाई की दुकान पर हलवाई का काम करता था उसके दो अन्य भाई भी वहीं रहकर यही काम करतें है। जबकि पिता महेन्द्र सिंह कुशवाह गांव में रहकर खेती वाड़ी करते हैं पोरसा के धर्मगढ़ कस्बे में उनकी 8 बीघा जमीन तथा एक पक्का मकान है।

पूरन अपने परिवार के साथ अपनी ताई की मृत्यु पर आयोजित तेरहवीं में शामिल होने आया था। 28 अप्रैल को तेरहवीं का आयोजन पूरा हुआ इसके बाद पूरन नें बातचीत में पिता के सामने प्रस्ताव रखा कि वे गांव की जमीन मकान बेच कर उसके साथ दिल्ली चलें वहां तीनों भाई उनकी देखभाल कर लेंगे। पूरन दिल्ली में अपनी दुकान खोलना चाहता था इसके लिये उसे पैसे की जरूरत थी पिता ने यह कहते हुए कि अभी उसकी ताई की मौत हुई दो तीन महीने ठहर कर वे इस पर विचार करेंगे फिर जमीन बेचनी है या नहीं इसका फैसला वे सभी भाइयों को साथ बैठाकर करेंगें। पूरन को यह बात नागवार लगी उसने कुछ कहा नहीं चुपचाप उठ कर घर के अन्दर चला गया पिता भी अपने काम धंधे में लग गये। कई घंटे बाद एक रिश्तेदार कुछ सामान लेने घर के अंदर गया तो उसने अंदर लगी टीन में तीनों लाशें रस्सी से लटकी दिखाई दी।

घटना की सूचना पर पहुंची पोरसा पुलिस ने लाशों को सील करके उनका मुरैना जिला अस्पताल मे पोस्ट मार्टम कराया ताकि इस वारदात मे कोई साजिश हो तो वह सामने आ सके। पुलिस अधीक्षक विनीत खन्ना का कहना है कि पुलिस की जांच में अब तक आत्महत्या का ही ऐंगल सामने आया है।

दुसरी तरफ मृतक सीमा के भाई का कहना है कि सीमा ने उसे मरने से एक घंटे पहले फोन किया था और घर आने को कहा था घर में सब लोग उसके आने की प्रतिक्षा कर रहे थे लेकिन शाम को उसकी मौत की खबर आई। घटना से सदमें में आये पूरन के पिता का कहना है कि यह सच है कि वे गांव छोड़ कर दिल्ली नही जाना चाहता थे लेकिन लड़के अगर जिद करते तो उन्हें जमीन मकान बेचने में क्या आपत्ति होती इसके लिये पूरन इतना बड़ा कदम उठा लेगा इसका उन्हे एहसास भी नहीं था।