मध्य प्रदेश के गुना में दलित दंपति को निर्दयता से पीटे जाने की घटना को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार (15 जुलाई, 2020) रात को गुना के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने इस घटना के उच्च स्तरीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं। मध्य प्रदेश जनसंपर्क आयुक्त डॉ. सुदाम पी खाडे ने बताया, ‘गुना की घटना को गंभीरता से संज्ञान में लेते हुए मुख्यमंत्री ने गुना के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए हैं।’

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार की बर्बरता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। खाडे ने बताया, ‘मुख्यमंत्री ने गुना मामले में उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं और कहा है कि जो भी इस घटना में दोषी है उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।’ गुना शहर के जगनपुर क्षेत्र में एक सरकारी मॉडल कॉलेज के निर्माण के लिए निर्धारित सरकारी जमीन के अतिक्रमण से जबरन निकाले गए एक दलित दंपति ने मंगलवार को इस मुहिम के विरोध में कीटनाशक पी लिया।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया कि अतिक्रमणकारी दंपति और उनके परिवार के लोगों द्वारा अतिक्रमण हटाने की मुहिम का विरोध करने पर पुलिस को लाठीचार्ज करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस दौरान आरक्षित जमीन पर खड़ी फसल को भी सुकसान पहुंचा। वहीं कीटनाशक पी लेने के बाद पुलिस द्वारा दंपति को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां फिलहाल उनकी हालत में सुधार है। कांग्रेस ने इस मुहिम की आलोचना करते हुए घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

इससे पहले जिलाधिकारी एस विश्वनाथन ने कहा था, ‘शहर की सीमा में सरकारी मॉडल कॉलेज के लिए एक जमीन आरक्षित थी। इस जमीन पर राजकुमार अहिरवार (38) और उसकी पत्नी सावित्री (35) खेत पर काम कर रहे थे। इन्हें वहां एक अतिक्रमणकर्ता गब्बू पारदी द्वारा बटाई पर काम दिया गया था।’ उन्होंने बताया कि जब अधिकारियों ने इन्हें जमीन खाली करने के लिए कहा तो इन्होंने विरोध किया और गब्बू के इशारे पर दंपति ने कीटनाशक पी लिया और उपचार के लिए अस्पताल जाने से भी इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि इससे दंपति की जान जा सकती थी।

उन्होंने कहा कि दंपति जगह छोड़ने के लिए तैयार नहीं थे और स्थिति गंभीर हो रही थी तो पुलिस ने उन्हें व अन्य लोगों को वहां से हटाने के लिए बल प्रयोग किया। इसके बाद दंपति को उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया गया जहां उनकी हालत अब स्थिर है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक कथित वीडियो में दिखाई दे रहा है कि पुलिस लाठी से एक आदमी को कथित तौर पर पीट रही है और उसकी पत्नी और अन्य लोग उसे बचाने का प्रयास कर रहे हैं। इसमें महिला भी अपने पति के ऊपर लेट जाती है और महिला पुलिसकर्मी उसे मौके से हटाते हुए नजर आ रही हैं।

पुलिस कार्रवाई का विरोध करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट में कहा, ‘ये शिवराज सरकार प्रदेश को कहां ले जा रही है? ये कैसा जंगल राज है? गुना में कैंट थाना क्षेत्र में एक दलित किसान दंपति पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियो द्वारा बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज किया।’ उन्होंने कहा, ‘यदि पीड़ित युवक का जमीन संबंधी कोई शासकीय विवाद है तो भी उसे कानूनी ढंग से हल किया जा सकता है लेकिन इस तरह कानून हाथ में लेकर उसकी, उसकी पत्नी की, परिजनों की और मासूम बच्चों तक की इतनी बेरहमी से पिटाई, यह कहाँ का न्याय है?’

उन्होंने कहा, ‘क्या यह सब इसलिए कि वो एक दलित परिवार से हैं, गरीब किसान हैं? क्या ऐसी हिम्मत इन क्षेत्रों में तथाकथित जनसेवकों और रसूख़दारों द्वारा कब्जा की गयी हजारों एकड़ शासकीय भूमि को छुड़ाने के लिए भी शिवराज सरकार दिखाएगी? ऐसी घटना बर्दाश्त नहीं की जा सकती है। इसके दोषियों पर तत्काल कड़ी कार्रवाई हो, अन्यथा कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी।’