मध्यप्रदेश में चल रही राजनीतिक उथल-पुथल के बीच कांग्रेस पार्टी ने अपने सभी विधायकों को जयपुर से भोपाल बुला लिया है। सभी विधायकों को फ्लोर टेस्ट के लिए यहां बुलाया गया है और उन्हें भोपाल के एक होटल में रखा गया है। राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण के तत्काल बाद विश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराने के निर्देश दिए हैं। टंडन ने निर्देश दिए हैं, “मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र 16 मार्च 2020 को प्रात: 11 बजे प्रारंभ होगा और राज्यपाल के अभिभाषण के तत्काल बाद एकमात्र कार्य विश्वास प्रस्ताव पर मतदान होगा।”

कांग्रेस ने दावा किया है कि वह सदन में अपना बहुमत साबित करने में सफल रहेगी और छह-सात भाजपा विधायक भी कमलनाथ को समर्थन देंगे। इसी बीच कांग्रेस के विधायक रविवार सुबह जयपुर से लौट कर भोपाल पहुंच गए। कांग्रेस ने जयपुर के रिजॉर्ट में भेजे अपने विधायकों को वापस बुला लिया है। एक ओर जहां बीजेपी फ्लोर टेस्ट को लेकर कॉन्फिडेंट है, वहीं कांग्रेस इस वक्त कोई चांस नहीं लेना चाहती है। विधायकों के आने से पहले भोपाल एयरपोर्ट पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी और धारा 144 लगा दी गई है।

भाजपा ने कहा कि कांग्रेस सरकार बहुमत खो चुकी है और वह बहुमत साबित करने में सफल नहीं होगी। मध्यप्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पी सी शर्मा ने रविवार को यहां मीडिया को बताया, “सभी विधायक हमारे साथ हैं। सिर्फ छह विधायक कम हुए हैं। सरकार के पास बहुमत का आंकड़ा है। कांग्रेस के छह विधायकों के इस्तीफे स्वीकार करने के बाद भी 121 से ज्यादा विधायक हमें विश्वास प्रस्ताव पर मतदान में समर्थन करेंगे। भाजपा पक्ष के छह-सात विधायक भी कमलनाथ को समर्थन देंगे।”

उन्होंने कहा, “हम पूरी तरह से आश्वस्थ हैं कि सदन में बहुमत साबित करेंगे।”उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को विश्वासमत साबित करने के लिए सदन में 16 मार्च को राज्यपाल के अभिभाषण के तत्काल बाद विश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराने के निर्देश दिए हैं, लेकिन सदन में कब, क्या होगा यह विधानसभा अध्यक्ष तय करेंगे।उन्होंने कहा कि जो कुछ भी सदन में होगा, उसका निर्णय विधानसभा अध्यक्ष लेंगे।