मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल का विस्तार तो हो गया है लेकिन अभी तक विभागों का बंटवारा नहीं हो सका है। मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण के 9 दिन बाद भी मंत्रियों को उनके विभाग की जानकारी नहीं दी गई है। इसे लेकर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्य मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने चौहान पर तंज़ कसा है।
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर लिखा “मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार के 8 दिन पूरे हुए। विभाग आवंटन के लिए सीएम का वर्कआउट खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा। क्या टाइगर नख-दंत विहीन, दीन-हीन हो चुका है? देखते हैं कौन अपनी टेरेटरी छोड़कर भागता है!” इससे पहले दिग्विजय ने शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा था “मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल में विभागों के बंटवारे को लेकर पूरी भाजपा दिल्ली से लेकर भोपाल में ‘वर्कआउट’ चल रहा है। यह मंत्रिमंडल के बंटवारे का झगड़ा नहीं है- यह ‘लूट’ के बंटवारे का झगड़ा है। परिवहन, एक्साइज, राजस्व, शहरी विकास आदि विभाग सिंधियाजी नहीं छोड़ना चाहेंगे। क्यों? समझ जाओगे।”
दिग्विजय के इस ट्वीट पर यूजर्स उन्हें ट्रोल भी कर रहे हैं। एक ट्रोल ने लिखा “आप को सब पता है इस खेल के आप पुराने खिलाड़ी हैं, ज़रा महाराष्ट्र के मंत्रिमंडल के गठन की भी कमेन्ट्री सुना दीजिए कितने दिन लगे कितनी जद्दोजहद करनी पड़ी कांग्रेस को।” रघुवीर सिंह नाम के एक यूजर ने लिखा “इसी लूट के कारण कांग्रेस की सरकार चली गई, यही लूट करने के लिए बेटे को मंत्रालय दिलवाया था, सच मुँह पर आ ही जाता है।” एक ने लिखा “खुद के बेटे ने कितनी लूट करी दिग्गी राजा यह भी तो बता दो।” एक यूजर ने लिखा “आप तो अमर जड़ी खा कर आए हो… कमलनाथ जी को ही भागना पड़ेगा।”
मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार के 8 दिन पूरे हुए। विभाग आवंटन के लिए सीएम का वर्कआउट खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा। क्या टाइगर नख-दंत विहीन, दीन-हीन हो चुका है ? देखते हैं कौन अपनी टेरेटरी छोड़कर भागता है !
— digvijaya singh (@digvijaya_28) July 10, 2020
बता दें 2 जुलाई को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में 28 मंत्रियों ने शपथ ली थी। इनमें से 9 मंत्री सिंधिया खेमे के तीन मंत्री कांग्रेस से आए हुए। जबकि बाकी बीजेपी के थे। 28 में से 20 मंत्री कैबिनेट स्तर के जबकि आठ मंत्रियों को राज्यमंत्री बनाया गया है।
विभागों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने भी सरकार को घेरा है। पटवारी ने कहा कि ‘मलाईदार विभागों’ की चाहत के कारण मंत्रियों के बीच विभागों का वितरण नहीं हो पा रहा है। जबकि यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। विभाग नहीं बंट पाने के कारण प्रत्येक विभागों के काम प्रभावित हो रहे हैं। पूर्व मंत्री ने कहा कि 10 दिनों के अंदर विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो रहा है। अभी तक वित्त मंत्री नहीं बना है और राज्य सरकार का बजट जन प्रतिनिधियों की बजाए अधिकारी बना रहे हैं। यह भी सरकार की अक्षमता का नमूना है।