मध्यप्रदेश में कमलनाथ ने मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालते ही बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने वादे के मुताबिक किसानों के कर्ज माफी के दस्तावेज पर हस्ताक्षकर कर कर्ज माफी की मंजूरी दे दी। हालांकि कर्ज माफी का प्रारुप क्या होगा इस पर स्थिति साफ नहीं हुई है। कांग्रेस पार्टी ने सरकार बनने के 10 दिन के अंदर किसानों की कर्जमाफी का वादा किया था।

बता दें कि आज (सोमवार) को ही कमलनाथ ने मध्यप्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री के तौर पर पद और गोपनीयता की शपथ ली है। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा था कि जिस प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी, 10 दिन के अंदर किसानों का कर्जमाफ कर दिया जाएगा। जिसके बाद आज मुख्यमंत्री का कार्यभार ग्रहण करने के बाद सबसे पहले कमलनाथ ने किसानों की कर्जमाफी वाली फाइल पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कर्ज माफी जून 2009 के बाद के कर्जदार किसानों की होगी जिससे करीब 33 लाख किसानों को फायदा होगा। कर्जमाफी को लेकर राहुल गांधी ने ट्वीट किया है। ट्वीट के द्वारा एक राज्य में वादा पूरा करने बात कही गयी है।

एक आंकड़े के मुताबिक मध्यप्रदेश के किसानों पर सहकारी बैंक, राष्ट्रीयकृत बैंक, ग्रामीण विकास बैंक और निजी बैंकों का कुल मिलाकर 70 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है। जिसमें करीब 56 हजार करोड़ रुपये का कर्ज 41 लाख किसानों द्वारा लिया गया है। बताया जा रहा है कि कर्ज माफी जून 2009 के बाद के कर्जदार किसानों की होगी ऐसे में करीब 33 लाख किसानों को फायदा मिलने की उम्मीद है। इस कदम से लगभग 20 हजार करोड़ रुपये का वित्तीय भार सरकार पर आएगा। गौरतलब है कि सिर्फ खेती के लिए उठाए कर्ज पर ही माफी मिलेगी और यदि किसान ने दो या तीन बैंक से कर्ज ले रखा है तो सिर्फ सहकारी बैंक का कर्ज माफ होगा। सरकार कुल दो लाख रुपये तक की कर्ज माफी करेगी।

मध्यप्रदेश कांग्रेस ने ट्विटर के जरिये कहा, “मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने शपथ-ग्रहण के बाद सबसे पहले किसानों का कर्जा माफ करने वाली फ़ाईल में हस्ताक्षर किये। कांग्रेस ने मध्यप्रदेश के किसानों को दिया अपना वचन निभाया…हम आगे भी वचनपत्र के सभी वचनों को निभाने के लिये संकल्पित हैं।”

फिलहाल कमलनाथ ने आज किसानों की कर्जमाफी वाली फाइल पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। हालांकि किसानों का कर्ज माफ कर देने का आदेश भले ही जारी कर दिया हो, लेकिन इसे लागू करने में अभी कई पेंच सामने आने वाले हैं।