Madhya Pradesh Cabinet Expansion: मध्य प्रदेश में आज कैबिनेट का विस्तार हो रहा है। राजभवन में 28 विधायकों ने मंत्रीपद की शपथ ली। इनमें 20 कैबिनेट मंत्री, जबकि 8 राज्यमंत्री बनाए गए। शपथ लेने वाले बड़े नामों में भाजपा के गोपाल भार्गव, विजय शाह, जगदीश देवड़ा, यशोधरा राजे सिंधिया, भूपेंद्र सिंह, बृजेंद्र प्रताप सिंह कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। विश्वास सारंग, प्रभुराम चौधरी, ओम प्रकाश सकलेचा, उषा ठाकुर, प्रेम सिंह पटेल, अरविंद सिंह भदौरिया, डॉ. मोहन यादव शामिल हैं।
इसके अलावा कमलनाथ सरकार में मंत्री और सिंधिया गुट की वफादार मानी जाने वाली इमरती देवी और प्रद्युम्न सिंह तोमर ने भी शपथ ली।सिंधिया गुट के कुल 9 विधायकों ने शपथ ली। महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रभुराम चौधरी, राज्यवर्धन सिंह, ओपीएस भदौरिया, गिर्राज दंडोतिया, सुरेश धाकड़ और बृजेंद्र सिंह यादव शामिल रहे। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए तीन अन्य विधायक बिसाहूलाल सिंह, हरदीप सिंह डंग और एंदल सिंह कसाना ने भी मंत्रीपद की शपथ ली।
राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बात का बुधवार को ही ऐलान किया था। सीएम शिवराज ने बताया था कि बुधवार को राज्यपाल के शपथ लेने के बाद गुरुवार को कैबिनेट का शपथ ग्रहण होगा। इस बीच कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने पसंदीदा उम्मीदवारों को कैबिनेट में जगह दिलाने की पूरी कोशिश में रहे। बुधवार देर रात ही उन्होंने ट्वीट कर कहा, “दो दिवसीय दौरे पर कल भोपाल पहुंच रहा हूं। प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार कार्यक्रम में उपस्थित होने के बाद, कार्यकर्ताओं से मुलाकात करूंगा।”
बताया गया है कि भाजपा में पहले से शामिल 16 नेता मंत्री पद की शपथ लेंगे। इस बार कैबिनेट में नए चेहरे ज्यादा होंगे। सिंधिया खेमे के भी 9 लोगों के मंत्री बनने की चर्चा है। इसके अलावा कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए तीन नेताओं को भी मंत्री बनाए जाने का अनुमान है।
बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा में कुल 230 सदस्य है। इस हिसाब से अधिकतम 35 विधायक मंत्री पद पा सकते हैं। शिवराज सिंह समेत कुल छह सदस्य अभी कैबिनेट में हैं। इस तरह से 29 मंत्रियों की जगह खाली है। इन 29 पदों पर बीजेपी को अपने नए पुराने विधायकों को संतुष्ट करते हुए पदों का बंटवारा करना है। मंत्रिमंडल के महामंथन पर मीडिया के सवालों पर सीएम ने कहा कि मंथन से अमृत निकलता है और विष शिव जी पी जाते हैं।
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मध्य प्रदेश में आज 28 मंत्री बनाए जाने और पांच मंत्री पहले से होने के बाद अब मंत्रिमंडल में सिर्फ एक पद ही रिक्त रह गया है। मप्र में विधानसभा सीटों के लिहाज से मुख्यमंत्री के साथ 34 मंत्री ही बनाए जा सकते हैं। ऐसे में अब एक पद के लिए सरकार कुछ समय इंतजार करेगी। बताया जा रहा है कि राजेंद्र शुक्ला, गौरीशंकर बिसेन और संजय पाठक पर सहमति नहीं थी। इनके नामों पर बाद में विचार किया जा सकता है।
शिवराज सिंह चौहान की सरकार में अब सिंधिया गुट के कुल 11 मंत्री हैं। कमलनाथ के शासन के दौरान मंत्री रहीं इमरती देवी और प्रद्युम्न सिंह तोमर ने मंत्रीपद की शपथ ली। सिंधिया गुट के कुल 9 विधायकों ने शपथ ली। महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रभुराम चौधरी, राज्यवर्धन सिंह, ओपीएस भदौरिया, गिर्राज दंडोतिया, सुरेश धाकड़ और बृजेंद्र सिंह यादव शपथ लेने वालों में शामिल रहे। इसके अलावा तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत पहले से कैबिनेट में शामिल हैं।
मध्य प्रदेश कैबिनेट विस्तार में भाजपा नेता भूपेंद्र सिंह और अरविंद भदौरिया ने भी शपथ ले ली है। दोनों को राज्यमंत्री बनाया गया है। इसके अलावा कुर्मी समाज के बड़े नेताओं में शुमार रामखिलावन पटेल ने भी राज्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके अलावा रामकिशोर कांवरे को भी मंत्री बनाया गया है।
सिंधिया गुट के दो नेता और कमलनाथ सरकार में मंत्री रहीं इमरती देवी और प्रद्युम्नन सिंह तोमर ने मंत्रीपद की शपथ ली है। इसके अलावा कैलाश विजयवर्गीय के विरोधी खेमे की नेता ऊषा ठाकुर ने भी मंत्री पद की शपथ ली है।
हाल ही में शिवराज सिंह चौहान दिल्ली से लौटे थे। इसके बाद कैबिनेट विस्तार की चर्चाएं तेज थीं। गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा के साथ इसे लेकर चर्चा भी हुई थी लेकिन पीएम मोदी संग बैठक के बाद कैबिनेट विस्तार को टाल दिया गया था। सूत्रों का कहना है कि सिधिंया शिवराज की कैबिनेट में 11 पद चाहते हैं। उनके दो उम्मीदवार तुलसी रावत और गोविंद सिंह राजपूत ने कमलनाथ सरकार में मंत्री पद की शपथ ली थी।
मध्य प्रदेश में कैबिनेट विस्तार के बीच खबरें हैं कि राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा विधायकों के शपथग्रहण में शामिल नहीं होंगे। वे पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में जमे हैं। बताया जा रहा है कि वे केंद्रीय मंत्रियों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में हैं। भाजपा सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार में नए चेहरों को शामिल करने की बात सामने आई है, ये सुझाव नरोत्तम मिश्रा का ही था। मिश्रा गृहमंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं।
शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रीपद के बंटवारे पर बुधवार को ही कहा था कि मंथन से अमृत ही निकलता है, क्योंकि विष तो शिव पी जाते हैं। इस पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को मंथन से निकले विष को तो अब रोज ही पीना पड़ेगा, क्योंकि अब तो रोज मंथन करना पड़ेगा। मंथन इतना लंबा हो गया कि अमृत तो निकला नहीं, सिर्फ विष ही विष निकला है। अमृत के लिए अब तरसना पड़ेगा।
मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार गुरुवार को कैबिनेट विस्तार करेगी। इसमें 13 नए चेहरों को शपथ दिलाई जा सकती है। सूत्रों का कहना है कि गिरीश गौतम, रामखिलावन पटेल, चेतन्य काश्यप, मोहन यादव, विष्णु खत्री, रामकिशोर कांवरे, उषा ठाकुर, प्रेमसिंह पटेल, अरविंद भदौरिया, हरीशंकर खटीक, अशोक रोहाणी और नंदिनी मरावी आदि को लेकर कई दौर की बातचीत हुई है। रामेश्वर शर्मा भी दौड़ में बने हुए हैं।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट में नए चेहरों को शामिल करने से पहले बुधवार को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मुलाकात की। यहां मीडिया ने उनसे कैबिनेट गठन पर सवाल पूछा कि इस बार किसे अमृत (मंत्रीपद) और किसे विष मिलेगा? इस पर सीएम बोले- ‘मंथन से अमृत ही निकलता है, विष शिव पी जाते हैं।’
सूत्रों का कहना है कि भाजपा मंत्रिमंडल के साथ-साथ अब तक विधानसभा अध्यक्ष के पद का मुद्दा नहीं सुलझा पाई है। दरअसल, सीएम शिवराज सिंह चौहान कमलनाथ सरकार के समय नेता प्रतिपक्ष रहे गोपाल भार्गव को विधानसभा अध्यक्ष बनवाना चाहते हैं। लेकिन इस पर सहमति नहीं बन पा रही है। अगर भार्गव को मंत्री बनाया गया तो सीतासरन शर्मा को दोबारा विधानसभा अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बुधवार शाम को ही मध्य प्रदेश की प्रभारी राज्यपाल के तौर पर शपथ ले ली थी। इस कार्यक्रम में काफी कम लोगों को बुलाया गया। बताया गया है कि कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए मंत्रिमंडल विस्तार में भी बेहद कम लोगों को राजभवन में आने का मौका मिलेगा। सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं। शपथ के दौरान मीडिया को एंट्री नहीं मिलेगी।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भाजपा के दो नेताओं को झूठे आरोपों के लिए नोटिस भिजवाया है। जिन दो नेताओं को नोटिस गया है, उनमें भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा और मध्य प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष वीडी शर्मा शामिल हैं। इन दोनों ने हाल ही में आरोप लगाया था कि कमलनाथ ने केंद्र सरकार में मंत्री रहते हुए चीनी कंपनियों का समर्थन किया था और उनके लिए इंपोर्ट ड्यूटी कम कर दी थी।