मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को स्वीकृति पत्र वितरण कार्यक्रम में महिला बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनीस को गुस्सा आ गया। अर्चना चिटनीस को जब यह सूचना मिली कि उनकी विधानसभा के पीपलखोडा गांव में वन विभाग का अमला वन अतिक्रमण के नाम पर आदिवासियों के मकानों को तोड़े जा रहे हैं तो उन्हें गुस्सा आ गया। बताया जा रहा है कि बीच कार्यक्रम में अर्चना चिटनीस ने बुरहानपुर के DFO डी.एस. कनेश को फोन कर डांट लगाई और कहा अगर उन्होंने मकान तोड़ने का काम नहीं रोका तो वह एक भी आवास योजना के हितग्राही को प्रमाण पत्र वितरित नहीं करेंगी।
महिला बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनीस ने अफसरों को डांटते हुए कहा कि वह इस बात की शिकायत सीएम शिवराज सिंह चौहान से करेंगी। उन्होंने कहा कि जहाँ एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी गरीब आदिवासियों को मकान बनाकर दे रहे हैं तो वहीँ दूसरी तरफ वन विभाग का अमला मकान तोड़ने का काम कर रहा है।
बता दें कि अर्चना चिटनीस का जन्म 20 अप्रैल 1964 को पटियाला में हुआ था। अर्चना चिटनीस अपनी बेबाक भाषण शैली के लिए जानी जाती है। अर्चना चिटनीस दिसबंर 2003 में हुए विधानसभा चुनाव बुरहानपुर जिले के नेपानगर से भाजपा विधायक निर्वाचित हुई और बाद में उन्हें उमा भारती मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में शामिल कर महिला एंव बाल विकास और समाज कल्याण् विभाग का दायित्व सौंपा गया। इसके बाद 2008 में वह फिर से विधानसभा चुनाव में बुरहानपुर जिले से विधायक निर्वाचित हुई । इसके बाद 2008 में उन्हें शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में उन्हें जगह मिली।
वहीं महिला बाल विकास मंत्री आज पातोंडा गांव में लोगों को सफाई के लिए लिए जागरूक करती दिखाई दी। इस दौरान उन्होंने गांव के लोगों को करीब एक घंटे तक सफाई का महत्व समझाया और उन्हें शौच बनाकर उसका इस्तेमाल करने को कहा। गौरतलब है कि प्रदेश सरकार गांवों के विकास पर ध्यान दे रही है और सरकार द्वारा शौचालय बनाने के लिए करीब 12 हजार रूपये का अनुदान दे रही है।

