उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने हाल ही में धोखेबाजी और लालच के लिए किए गए अंतरधार्मिक विवाहों को रोकने के लिए अध्यादेश पारित किया है। कथित लव जिहाद को रोकने वाले इस अध्यादेश की तर्ज पर ही हरियाणा और मध्य प्रदेश की सरकारें भी कानून लाने की तैयारी कर रही हैं। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि वे दोषियों के लिए 10 साल की कड़ी सजा के प्रावधान वाला विधेयक लाने जा रहे हैं।
नरोत्तम मिश्रा ने एक चैनल से बातचीत में कहा है कि 28, 29 या 30 तारीख तक हम वह विधेयक विधानसभा में ले आएंगे। जो लोग भेष बदलकर, जाति बदलकर, धर्म बदलकर बेटियों को छलते हैं, उनके खिलाफ कठोर 10 साल के कारावास की सजा रखी है। हमने वो धर्मगुरु जो मौलवी हैं, पादरी हैं, जो इसको कराते हैं, उनके लिए भी पांच साल की सजा का प्रावधान करने जा रहे हैं। हमने उन संस्थाओं को भी जोड़ा है, जो इनको फाइनेंस करती हैं, जो इनके विवाह का रजिस्ट्रेशन कराती हैं, उनको भी दायरे में लाए हैं। हम एक संपूर्णता वाला विधेयक लेकर आ रहे हैं।
‘विधेयक में किसी वर्ग का जिक्र नहीं, फिर मिर्ची क्यों लग रही’: मध्य प्रदेश के गृह मंत्री ने आगे कहा सवाल यह है कि एक पार्टी और एक वर्ग के लोगों को इससे मिर्ची क्यों लग रही है। हमने तो अपने विधेयक में इसका जिक्र ही नहीं किया है। ये तो चोर की दाढ़ी में तिनका वाली बात है। अगर ये सही हैं तो इन्हें दिक्कत क्या है? आखिर ये क्यों तिलमिला रहे हैं? पूरा देश इससे परेशान है। ये बर्दाश्त के काबिल नहीं है और किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पहले भी कर चुके थे विधेयक लाने का ऐलान: गौरतलब है कि यूपी सरकार की ओर से पहली बार लव जिहाद के खिलाफ कानून लाने के ऐलान के बाद नरोत्तम मिश्रा ने सबसे पहले इस कदम की तारीफ की थी और एमपी में भी ऐसा ही कानून लाने का आश्वासन दिया था। तब उन्होंने कहा था कि ‘लव जिहाद को गैर जमानती अपराध घोषित कर मुख्य आरोपी और इसके सहभागियों को पांच साल की कठोर कारावास की सजा का प्रावधान किया जा रहा है। मिश्रा ने कहा था कि धर्मांतरण करवा कर विवाह अब बहुत तेजी से चल रहा है। इसको आपकी भाषा में लव जिहाद कहते हैं। विधानसभा में हम ‘मध्यप्रदेश धर्म स्वातंत्र विधेयक-2020′ लाने की तैयारी कर रहे हैं। इसे हम अगले सत्र में विधानसभा में ला रहे हैं।