मध्य प्रदेश क ग्वालियर में एक अधिकारी द्वारा कथित तौर 20 रुपए की चोरी करने के मामले में 41 साल बाद उसे निर्दोष करार दिया गया। बताया जा रहा है कि ग्वालियर में आयोजित एक लोक अदालत से आरोपी व्यक्ति को राहत मिली। इस केस को लेकर लोगों की बीच खासी चर्चा है, जिसमें आरोपी व्यक्ति ने महज 20 रुपए चोरी के आरोप में 4 दशक से भी अधिक लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी।
क्या है मामला: ग्वालियार में लोक अदालत के एक अधिकारी ने कहा कि न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (जेएमएफसी) अनिल कुमार नामदेव ने भविष्य में किसी भी तरह की गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त नहीं होने का वचन लेने के बाद आरोपी इस्माइल खान को आरोपमुक्त कर दिया। इस मामले के शिकायतकर्ता 61 वर्षीय बाबूलाल ने कहा कि इस्माइल खान (68) ने 1978 में बस टिकट खरीदने के दौरान मेरी जेब से 20 रुपये चुरा लिए थे। जिसके बाद मैंने 1978 में खान के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था। लेकिन तब उसे कुछ महीनों बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया। खान अदालत में सुनवाई के लिए लगातार आता रहा लेकिन 2004 से उसने आना बंद कर दिया। जिसके बाद एक वारंट जारी किया गया और अप्रैल 2019 को उसे गिरफ्तार कर लिया गया। बाबूलाल ने कहा कि खान पिछले तीन महीनों से जेल में था।
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शिकायतकर्ता बाबूलाल ने आगे बताया कि इस्माइल खान का कोई परिवार नहीं है और उसकी आर्थिक स्थिति भी बहुत खराब है। यहां तक की उसके पास अपनी जमानत के लिए आवेदन दायर करने के लिए पैसा भी नहीं था। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (जेएमएफसी) ने लोक अदालत में सुनवाई के लिए हम दोनों को बुलाया था, जहां उसे आरोपमुक्त कर दिया गया।