कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार (29 जुलाई) को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में ‘यूपी उद्घोष’ नाम से रैली की। यह रैली राहुल गांधी की बाकी रैलियों से काफी अलग थी। रैली में रैंप से लेकर राहुल के बोलने का अंदाज सब कुछ पहले की रैलियों से अलग था। माना जा रहा है कि यह बदलाव प्रशांत किशोर की बनाई गई रणनीति का एक हिस्सा भर हैं। रैली में राहुल को मंच की जगह ‘रैंप’ दिया था। ऐसा रैंप अमेरिका में होने वाले चुनाव में ही देखने को मिलता है। उस रैंप की लंबाई 700 मीटर बताई जा रही है। इसकी सहायता से राहुल कार्यकर्ताओं और समर्थकों के पास जाकर बात कर रहे थे। रैली की शुरुआत में ही बारिश की वजह से माइक खराब हो गया था। उसे ठीक करने में 15 मिनट के करीब लगे। इस बीच राहुल वहां बैठे लोगों के पास जाकर बातचीत करते रहे। बातचीत के बीच राहुल ने किसी को नमस्कार नहीं किया और ना ही हाल-चाल पूछा। लेकिन जब सेल्फी खींचने के लिए परेशान कार्यकर्ता रैंप पर चढ़ने लगे तो उन्हें राहुल ने खुद हाथ दिया और सेल्फी खिंचवाई।

भाषण नहीं सवाल-जवाब: अपनी रैली में राहुल गांधी ने भाषण नहीं दिया। उन्होंने वहां बैठे लोगों से सवाल जवाब किए। कुछ लोगों को कहना है कि पहले से तय था कि किन लोगों को क्या सवाल पूछना है। एक कार्यकर्ता ने उनसे यह आश्वासन चाहा कि पार्टी चुनाव से पहले किसी दल से गठबंधन नहीं करेगी क्योंकि इससे अतीत में केवल नुकसान ही हुआ है। इस पर राहुल ने कहा ‘हम केवल कांग्रेस कार्यकर्ताओं और राज्य के नागरिकों के साथ ही गठबंधन करेंगे। यह विचारों की लड़ाई है। हमें उत्तर प्रदेश को उसके उचित स्थान पर ले जाने में मदद करनी है। कांग्रेस सबको साथ ले कर चलती है वहीं अन्य दल उन्हें विभाजित करते हैं।’

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अखिलेश को बताया ठीक लड़का: यूपी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर ‘यूपी उद्घोष’ के बहाने राहुल ने कार्यकर्ताओं में जोश फूंकने का काम तो किया ही। साथ ही साथ उन्होंने हर सवाल के जवाब में सपा, बीएसपी और बीजेपी को घेरा भी। सीएम अखिलेश यादव को ‘ठीक लड़का’ बताने के बावजूद राहुल कहना नहीं भूले कि वह काम नहीं कर सके। तो बीएसपी की सरकार पर घोटाले के आरोपों पर उन्होंने चुटकी ली, ‘हाथी को बिना पैसा खिलाए उद्योग नहीं चल सकते’।