बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने मंगलवार (26 जुलाई) को अखिलेश यादव के गढ़ उत्तर प्रदेश में पहुंचकर उनपर हमला बोला। लेकिन अपने जोरदार भाषण के लिए नीतीश को लगभग तीन घंटे इंतजार करना पड़ा। रैली की शुरुआत से पहले नीतीश को गेस्ट हाउस में रोके रखा गया। उन्हें सुरक्षा कारणों से जिला प्रशासन ने रैली में जाने की अनुमति नहीं दी थी। काफी जद्दोजहद के बाद उन्हें रैली में जाने दिया गया। दरअसल, नीतीश वहां बीएसपी से अलग हुए आरके चौधरी के संगठन बीएस-4 की रैली में शामिल होने के लिए गए थे।

रैली में नीतीश ने कड़ा रुख अपनाते हुए समाजवादी पार्टी, अखिलेश यादव और मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) पर हमला किया। उन्होंने कहा, ‘आज लखनऊ में बैठे लोग लोहिया की बात तो करते हैं, लेकिन उनके आदर्शों पर नहीं चल रहे। वही लोग हमें छत्रपति शाहूजी महाराज की जयंती में आने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं। हम अखिलेश जी से कहेंगे कि हमें भले यहां न आने दीजिए, लेकिन शराब बंद कर दीजिए। हमने लोहिया के रास्ते पर चलकर शराब बंदी करने के साथ ही महिलाओं, दलितों, पिछड़ों और शोषितों को उनका हक दिया। यही वजह है कि अब उन्हें हमारे यूपी में घूमने से भी डर लगता है।’

मायावती पर निशाना: बहुजन समाज पार्टी को निशाना बनाते हुए नीतीश ने कहा, ‘बहुजन समाज में पैदा होने से कुछ नहीं होता। यदि आप उनकी पीड़ा नहीं समझते तो आगे नहीं जा सकते।’

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सभा में नीतीश ने आरके चौधरी का साथ देने का वादा किया और कहा कि हम लोग मिलकर आगे बढ़ेंगे। वहीं बिहार में शराबबंदी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘लोग कहते हैं कि शराब बंदी से राजस्व का नुकसान होगा। हम कहते हैं कि लोग शराब छोड़ देंगे तो यूपी में 25 हजार करोड़ बचेगा। लोगों की यह बचत अर्थव्यवस्था को मजबूत ही करेगी। ‘