उत्तर प्रदेश के 2017 विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंकते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने रविवार (9 अक्टूबर) को  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राजधानी लखनऊ आकर दशहरा मनाने को ‘राजनीतिक स्वार्थ’ करार दिया और कहा कि भाजपा को अब धर्म की राजनीति करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। मायावती ने यहां बसपा संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर आयोजित एक रैली में कहा, ‘उरी के शहीद जवानों की चिता की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई है लेकिन प्रधानमंत्री अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए लखनऊ में ही दशहरा मनाने आ रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हो सकता है कि इसी स्वार्थ में वह (मोदी) दीवाली भी उत्तर प्रदेश में आकर मनाएं।’ अट्ठारह जवानों की शहादत के सम्मान में उनके परिवार वालों के दुख को अपना समझकर इस बार भाजपा के लोगों को अपना दशहरा और दीवाली धूमधाम से मनाने की बजाय संजीदगी और सादगी से मनाना चाहिए था।’

मायावती ने कहा कि राजनीतिक स्वार्थ के चलते ही भाजपा अपने राष्ट्रीय नेताओं, विशेषकर प्रधानमंत्री मोदी को यहां लखनऊ के दशहरे के धार्मिक मेले में ले जाने को मजबूर हुई ताकि ये नेता भीड़ में अपनी पार्टी व सरकार की कुछ बातें धर्म की आड़ में रख सकें। भाजपा को धर्म की राजनीति करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि मोदी 11 अक्तूबर को लखनऊ के ऐतिहासिक ऐशबाग रामलीला मैदान में होने वाले दशहरा मेला में शामिल होंगे। इसे लेकर बसपा सहित भाजपा के विरोधी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और मोदी के आगमन को उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों से जोड़ा है। मायावती ने ना सिर्फ मोदी, भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बल्कि प्रदेश की सत्ताधारी सपा एवं कांग्रेस पर भी जमकर हमला बोला।

चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी मायावती ने कांशीराम स्मारक स्थल पर हजारों की संख्या में जुटे बसपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के बाद कांशीराम की मूर्ति पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। उन्होंने सपा सरकार की भर्त्सना करते हुए कहा, ‘जब से उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार बनी है तब से यहां हर स्तर पर कानून का राज नहीं बल्कि गुंडों, बदमाशों, माफियाओं, अपराधियों, अराजक एवं सांप्रदायिक तत्वों, भ्रष्टाचारियों का जंगलराज चल रहा है। हत्या, चोरी, लूट, फिरौती, अपहरण, गुंडा टैक्स, महिलाओं का उत्पीड़न, जमीनों पर कब्जे, दंगे एवं तनाव की वारदात अब चरम पर हैं।’

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि उनकी सरकार बनने पर सपा सरकार के शासनकाल में गैर-कानूनी कार्य करने वालों, शातिर गुंडों, बदमाशों, माफियाओं, अपराधियों, अराजक एवं सांप्रदायिक तत्वों, भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी शिकंजा कस कर जेल की सलाखों के पीछे भेजा जाएगा। मायावती यहीं नहीं रुकीं, सपा सरकार पर सरकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार पर प्रदेश की जनता का करोडों अरबों रूपया टीवी एवं अन्य मीडिया पर बेदर्दी से खर्च करने का आरोप मढते हुए कहा कि इसी धन को प्रदेश के गरीबों के उत्थान पर खर्च किया जा सकता था। सपा सरकार के समय विकास के जो भी थोडे बहुत कार्य हुए, अधिकांश महत्वपूर्ण कार्यों की बसपा सरकार ने शुरूआत कर दी थी। इनमें लखनऊ मेट्रो रेल और लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे प्रमुख हैं।

उन्होंने कहा कि बसपा सरकार द्वारा शुरू की गयी अनेक जनहित योजनाओं में से सपा सरकार ने काफी योजनाओं का नाम बदलकर चला दिया। पार्कों, संग्रहालयों और स्मारकों के निर्माण को लेकर पूर्व में अपने मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान विपक्षियों के निशाने पर रही मायावती ने आज स्पष्ट किया, ‘स्मारक और संग्रहालय बनाने के कार्य मेरी पूर्व की सरकारों में पूरे हो चुके हैं। अब पूरी ताकत जनता की सुरक्षा और विकास पर लगाएंगे।’ मायावती ने कहा कि बसपा की सरकार बनी तो बिना किसी पक्षपात और विरोध के सभी वगो’ के विकास और उत्थान का ध्यान रखा जाएगा। विकास का लाभ एक ही जाति या क्षेत्र विशेष को नहीं बल्कि प्रदेश के गरीबों, दलितों, पिछड़ों, मुस्लिमों एवं अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों को मिलेगा। पूर्वांचल एवं बुंदेलखंड के विकास को प्राथमिकता दी जाएगी।

साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश का विभाजन कर चार राज्यों में बांटने के प्रस्ताव पर केन्द्र सरकार पर दबाव बनाने की बात कही। मायावती ने सपा सरकार की नीतियों पर प्रहार करते हुए कहा कि वह सपा सरकार की तरह बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता नहीं देंगी बल्कि सरकारी एवं गैर सरकारी क्षेत्र में रोजगार देंगी। प्रदेश के गरीब एवं अन्य जरूरतमंदों को लैपटॉप या मोबाइल की बजाय सीधी आर्थिक मदद दी जाएगी ताकि वे अपनी खास जरूरत पूरी कर सकें। उन्होंने कहा कि सपा सरकार ने पूर्व की बसपा सरकार के समय की जिन योजनाओं के नाम बदले हैं, उनके नाम बहाल किए जाएंगे।

मोदी सरकार पर हमला जारी रखते हुए मायावती ने कहा कि लोकसभा चुनाव के समय भाजपा और मोदी ने देश की जनता से किये गये चुनावी वायदों में से एक चौथाई वायदे भी नहीं पूरे किए। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार गरीबों और किसानों का कर्ज माफ करने की बजाय देश के बड़े पूंजीपतियों और धन्नासेठों के करोडों अरबों रुपए के कर्ज माफ कर रही है। मायायवती ने कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकार की ही तरह मौजूदा मोदी सरकार महत्वपूर्ण सरकारी संस्थाओं, सीबीआई एवं अन्य जांच एजेंसियों को देश के जनहित में इस्तेमाल करने की बजाय अपने विरोधियों को प्रताड़ित करने के लिए इस्तेमाल कर रही है।

मुलायम सिंह यादव परिवार में अंतर्कलह को एक अवसर के रूप में देखते हुए मायावती ने कहा कि सपा परिवार में आपसी बर्चस्व की लड़ाई गहरी होने की वजह से सपा का मुख्य यादव वोट दो खेमों अखिलेश व शिवपाल यादव में बंट गया है। ऐसी स्थिति में चुनाव में ये होगा कि प्रदेश में जिन सीटों पर अखिलेश के लोग खड़े होंगे, उन्हें शिवपाल खेमा हराने की कोशिश करेगा और जिन सीटों पर शिवपाल के लोग होंगे, उन्हें हराने में अखिलेश का खेमा लग जाएगा। उन्होंने मुसलमानों से सपा या कांग्रेस को वोट देकर अपना वोट बर्बाद नहीं करने की अपील की। साथ ही आरोप लगाया कि जब से केन्द्र में भाजपा की सरकार बनी, मुस्लिम एवं अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है। अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय एवं जामिया मिलिया इस्लामिया का अल्पसंख्यक दर्जा छीना जा रहा है। पूरे देश में सांप्रदायिक ताकतों के मजबूत होने से आए दिन मुसलमानों का गोरक्षा, लव जिहाद और हिन्दू धर्म परिवर्तन की आड़ में उत्पीड़न किया जा रहा है।

मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बसपा सरकार के समय भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाली भाजपा को वह अवगत कराना चाहती हैं कि राज्य में बसपा सरकार के समय भ्रष्टाचारियों पर सख्त कार्रवाई की गयी थी। कई मंत्रियों को बर्खास्त किया गया था और सीबीआई जांच की सिफारिश की गयी थी। केन्द्र की मौजूदा सरकार की तरह ललित मोदी या विजय माल्या जैसे भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए विदेश नहीं भगा दिया था। पाक अधिकृत कश्मीर में भारतीय सेना के सर्जिकल स्ट्राइक पर मायावती ने कहा कि यह कार्रवाई काफी देर से की गयी। पठानकोट आतंकी हमले के बाद ही ऐसा कर दिया गया होता तो उरी में 18 जवानों की शहादत से बचा जा सकता था। उन्होंने कांग्रेस और भाजपा पर एक साथ कटाक्ष करते हुए कहा कि दलितों और पिछड़ों के घर में जाकर खाना खाने से समाज का पिछड़ापन दूर होने वाला नहीं है।

मायावती ने मोदी पर तंज कसा कि लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी ने ‘बुरे दिन जाएंगे, अच्छे दिन आएंगे, सबका साथ, सबका विकास, ना खाएंगे, ना खाने देंगे’ जैसे नारे दिए थे जो हवाहवाई और कोरी जुमलेबाजी बनकर रह गए हैं। मायावती ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आजादी के बाद सबसे लंबे समय तक उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने राज किया लेकिन ये पार्टी अपनी गलत नीतियों और कार्यशैली की वजह से काफी बरस पहले ही राज्य की सत्ता से बाहर हो गयी और इस बार केन्द्र की सत्ता से भी बाहर हो चुकी है। उन्होंने कहा कि जहां तक पिछडों और ‘अपर कास्ट’ का सवाल है, बसपा का मानना है कि पूर्व के चुनाव की तरह इन दोनों वर्गो का वोट अधिकांश पार्टियों में बंटने वाला नहीं है। इस बार अच्छी बात ये जानने को मिल रही है कि प्रदेश में जिन सीटों पर बसपा ने पिछडों और अपर कास्ट के लोगों को टिकट दिए हैं इस बार बसपा की जबर्दस्त लहर होने की वजह से इन सीटों पर बसपा के उम्मीदवारों को ही ज्यादा वोट मिलेगा और इस बार प्रदेश में बसपा की अकेले पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी।

भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त की गयीं स्वाती सिंह पर मायावती ने बगैर उनका नाम लिए कहा कि भाई को पत्नी से अलग करने वाली महिला को भाजपा ने अध्यक्ष बना दिया। उत्तर प्रदेश में भाजपा की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि अब उसे अपने संगठन में इस किस्म के लोगों के साथ साथ बसपा के भाषणबाजी करने वालों को भी रखने के लिए मजबूर होना पड़ा है। उनका इशारा बसपा से भाजपा में गए स्वामी प्रसाद मौर्य की ओर था। ‘भाजपा को हमारे रिजेक्टेड लोगों को टिकट देना पड़ रहा है।’ उन्होंने मोदी के लखनऊ आकर दशहरा मनाने पर की टिप्पणी को आगे बढ़ाते हुए कहा कि ये भी संभव है कि आगे चलकर भाजपा के लोग भीड जुटाने के लिए मजबूरी में फिल्म कलाकारों का भी इस्तेमाल करें। कलाकार मनोरंजन के लिए भीड़ एकत्र कर सकते हैं लेकिन उसे वोटों में तब्दील नहीं कर सकते।