लखनऊ यूनिवर्सिटी की उस समय किरकिरी हो गई, जब यूनिवर्सिटी ने अपनी परीक्षा में ही यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह से संबंधित सवाल पूछ लिया। बता दें कि लखनऊ यूनिवर्सिटी की बीए/बीएससी प्रथम वर्ष की परीक्षाएं चल रही हैं। इसी दौरान फिजिकल एजुकेशन की परीक्षा में एक सवाल के तहत पूछा गया कि लखनऊ यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. सुरेन्द्र प्रताप सिंह हैं या नहीं। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने भी गलती को स्वीकार किया है। इसके बाद परीक्षा कंट्रोलर एके शर्मा ने पेपर सेट करने वाली कमेटी से इसका जवाब मांगा है। लखनऊ यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता एनके पांडे ने बताया कि यदि जवाब संतोषजनक नहीं हुआ तो जिसने भी पेपर सेट किया होगा, उसके खिलाफ कारवाई की जाएगी।
यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि एक पैनल किसी प्रोफेसर या विषय के विशेषज्ञ को परीक्षा पेपर बनाने के लिए नियुक्त करता है। उसके बाद एक मोडरेशन कमेटी द्वारा वह पेपर क्रॉस चेक किया जाता है। इसी तरह के एक मामले में लखनऊ यूनिवर्सिटी के बीए अन्तिम वर्ष के इंग्लिश के पेपर में 2 अनिवार्य प्रश्न ही गायब थे। इस बात की जानकारी होने के बाद मैन्युली लिखकर 2 प्रश्न जोड़े गए। वहीं यूनिवर्सिटी के 25 सेंटरों पर भी टेलीफोन के माध्यम से 2 प्रश्न जोड़ने को कहा गया।
इसी तरह 20 मार्च को भी लखनऊ यूनिवर्सिटी के बीकॉम प्रथम वर्ष के एक प्रश्न पत्र में भाजपा सरकार की स्कीम से संबंधित सवाल किया गया था। पार्टी विशेष का नाम सम्मिलित करने पर भी यूनिवर्सिटी की काफी आलोचना हुई थी। लखनऊ यूनिवर्सिटी उस वक्त भी सुर्खियों में आयी थी, जब साल 2017 में यूनिवर्सिटी के कुछ छात्रों ने हॉस्टल में कमरे मिलने में हो रही देरी पर वाइस चांसलर समेत कई अधिकारियों को एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक में ही बंधक बना लिया था। हालांकि छात्रों ने इससे इंकार किया था और कहा था कि वह सिर्फ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। कुलपति सुरेंद्र प्रताप सिंह ने पुलिस को भी मामले की सूचना दी थी, लेकिन जब पुलिस मौके पर नहीं पहुंची तो उन्होंने ट्वीट कर मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगायी थी। बाद में यूनिवर्सिटी प्रशासन ने आरोपी छात्रों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करायी थी।

