जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में कई जवान और नागरिक शहीद हो गए, जिससे कई परिवार उजड़ गए। अब इन शहीदों के आश्रितों के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय ने एक सराहनीय पहल की है। विश्वविद्यालय ने घोषणा की है कि वह इस हमले में मारे गए लोगों के परिजनों को निःशुल्क शिक्षा देगा।

वीसी ने कहा कि फैसला मृत लोगों के सम्मान में लिया गया है

लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति आलोक राय ने कहा कि हम इन पीड़ित परिवारों के बच्चों को उच्च शिक्षा से वंचित नहीं रहने देंगे। विश्वविद्यालय उनके लिए न सिर्फ शिक्षा की व्यवस्था करेगा, बल्कि उनके आवास, पुस्तकें और अन्य आवश्यकताओं का पूरा खर्च भी वहन करेगा। उन्होंने कहा कि यह फैसला पहलगाम हमले में मारे गए लोगों के सम्मान और उनके परिवारों को संबल देने के उद्देश्य से लिया गया है।

इस बीच पहलगाम हमले के खिलाफ भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। पाकिस्तान ने बुधवार को ‘‘विश्वसनीय खुफिया जानकारी’’ का हवाला देते हुए दावा किया कि भारत अगले 24 से 36 घंटों के भीतर उसके खिलाफ सैन्य कार्रवाई की योजना बना रहा है। पाकिस्तान ने साथ ही चेतावनी दी कि भारत को इसके परिणाम भुगतने होंगे। सरकारी सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को शीर्ष रक्षा अधिकारियों से कहा था कि पहलगाम आतंकवादी हमले पर भारत को कैसे जवाब देना है, उसके लक्ष्य क्या हैं और इसे कब अंजाम देना है, इस पर निर्णय लेने के लिए सशस्त्र बलों को ‘‘अभियान के संचालन की पूरी स्वतंत्रता’’ है। इसके बाद पाकिस्तान की ओर से यह बयान आया है।

Pahalgam Terror Attack: ऐसे पाकिस्तानी नागरिकों का क्या होगा जिन्होंने डेडलाइन बीत जाने के बाद भी भारत नहीं छोड़ा है?

पिछले हफ्ते पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। पहलगाम हमले में 26 लोग मारे गए थे। मोदी ने कहा था कि भारत एक एक आतंकवादी और उनके आकाओं की पहचान करेगा, उनका पता लगाएगा और उन्हें सजा देगा। उन्होंने कहा था ‘‘हम धरती के आखिरी छोर तक उनका (पहलगाम के हमलावरों का) पीछा करेंगे। आतंकवाद कभी भारत का मनोबल नहीं तोड़ पाएगा, क्योंकि भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक हमले तेज कर दिए हैं।’’

पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्ला तरार ने कहा कि भारत सरकार पहलगाम में हाल में हुए आतंकवादी हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता के बारे में ‘‘निराधार और मनगढ़ंत आरोपों’’ के आधार पर हमला करने की तैयारी कर रही है। बयान के अनुसार, मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान खुद आतंकवाद का शिकार रहा है और उसने हमेशा आतंकवाद के सभी स्वरूपों की निंदा की है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने एक आयोग द्वारा ‘‘विश्वसनीय, पारदर्शी और स्वतंत्र’’ जांच की पेशकश की है लेकिन भारत जांच से बच रहा है और टकराव का रास्ता चुन रहा है। पाकिस्तान ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सतर्क रहना चाहिए। साथ ही उसने चेतावनी दी कि भारत द्वारा किसी भी सैन्य दुस्साहस का ‘‘निश्चित रूप से और निर्णायक रूप से जवाब दिया जाएगा’’ और ‘‘संघर्ष की स्थिति बढ़ने तथा उसके परिणामों की जिम्मेदारी पूरी तरह से भारत पर होगी।’’ इससे पहले, भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कदमों की घोषणा की थी, जिनमें पाकिस्तानी सैन्य अताशे को निष्कासित करना, 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करना, 27 अप्रैल से पाकिस्तानी नागरिकों को जारी सभी वीजा रद्द करना तथा अटारी भूमि-पारगमन चौकी को तत्काल बंद करना शामिल है।