Lok Sabha Election 2019: लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं मिलने से नाराज राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू यादव के पीए रहे राजद नेता विनोद श्रीवास्तव फूट-फूटकर रोने लगे। विनोद श्रीवास्तव ने रोते हुए कहा, “मुझे लालू यादव ने नेता बनाया है। राबड़ी देवी ने नेता बनाया है। पूरे चंपारण को मैंने सिंचा है। चंपारण का हत्या हुआ है। लोगों ने मेरी हत्या की है। चंपारणवासियों की मैंने हमेशा सेवा की। मैं अंतिम क्षण तक लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के साथ रहूंगा। मेरे साथ अन्याय हुआ है। जिसने भी मेरे साथ साजिश के तहत अन्याय किया है, उसने अच्छा नहीं किया है। जय राजद, जय लालू, जय तेजस्वी।”

दरअसल, लोकसभा चुनाव को लेकर एनडीए के खिलाफ बिहार में महागठबंधन बना है। महागठबंधन में राजद, कांग्रेस, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा, रालोसपा, वीआईपी पार्टी शामिल है। सीट शेयरिंग के तहत पूर्वी चंपारण सीट रालोसपा के खाते में चली गई। रालोसपा ने यहां से कांग्रेस प्रदेश चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह के बेटे आकाश कुमार को वहां से प्रत्याशी बनाया है। वहीं, विनोद श्रीवास्तव काफी समय से इस सीट से चुनाव लड़ने की जुगत में थे। ऐसे में अपने सपनों को टूटते देख विनोद श्रीवास्तव भी टूट गए और मीडिया के सामने फूट-फूटकर रोने लगे।

टिकट बंटवारे के बाद राजद के एक धड़े में असंतोष की भावना पैदा हो गई। इस बाबत राजद के जिला इकाई की बैठक मोतिहारी में हुई। इस बैठक में अपनी व्यथा सुनाते हुए विनोद श्रीवास्तव रोने लगे। इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने उन्हें चुप करवाया। बता दें कि बिहार के 40 लोकसभा सीटों के लिए 7 चरणों में मतदान होने हैं। पूर्वी चंपारण में 12 मई को मतदान होना है।

यहां यह भी बता दें कि राजद का टिकट नहीं मिलने से नाराज पूर्व केंद्रीय मंत्री मोहम्मद अली अशरफ फातमी ने शनिवार को पार्टी के खिलाफ बगावत कर दी और मधुबनी लोकसभा सीट से महागठबंधन उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। फातमी ने पार्टी को एक अल्टीमेटम भी दिया और कहा कि वह मधुबनी सीट से नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए 18 अप्रैल तक पार्टी के फैसले का इंतजार करेंगे।

फातमी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने मधुबनी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का फैसला लिया है और 18 अप्रैल को नामांकन पत्र दाखिल करूंगा। मेरे बारे में फैसला करने के लिए पार्टी के पास 18 अप्रैल तक का समय है।’’ उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कांग्रेस पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ शकील अहमद को मधुबनी से टिकट देती है तो वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। लेकिन अगर शकील अहमद मधुबनी से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ते हैं तो वह उस सीट से चुनाव लड़ेंगे।

गौरतलब है कि महागठबंधन में सीट बंटवारे के तहत मधुबनी लोकसभा सीट महागठबंधन के घटक दलों में से एक विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को मिली है। वीआईपी ने बद्री पुर्बे को मधुबनी से अपना उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने दिग्गज सांसद हुकुमदेव नारायण यादव के बेटे अशोक यादव को इस सीट से मैदान में उतारा है। (एजेंसी इनपुट के साथ)