चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस को 18 और 19 अप्रैल को उत्तरी बंगाल के कूच बिहार की यात्रा रद्द करने की सलाह दी है। चुनाव आयोग ने कहा है कि पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को होना है और इससे पहले इलाके में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू है, ऐसे में उनका दौरा चुनाव के मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन होगा।
दरअसल चुनाव आयोग के नियम यह कहते हैं कि मतदान से 48 घंटे पहले पहले मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट लागू हो जाता है और इस दौरान किसी तरह का प्रचार-प्रसार नहीं किया जा सकता है।
चुनाव आयोग यह नियम स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए ज़रूरी होते हैं। इसके अलावा यह इसलिए भी ज़रूरी है कि वीआईपी या नेताओं की आवाजाही सुरक्षा बलों के काम को ना बढ़ाए।
TMC ने EC को लिखा था पत्र
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टीएमसी ने चुनाव आयोग (EC) को एक पत्र लिखा था जिसके बाद चुनाव आयोग ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस को यह सलाह दी है। टीएमसी ने पत्र में लिखा था कि 19 अप्रैल को कूच बिहार में मतदान होना है ऐसे में उनका (राज्यपाल) वहां जाना मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के तहत गलत है।
कूच बिहार 2019 में भाजपा द्वारा राज्य में जीती गई 18 सीटों में से एक सीट है। जहां पहले चरण में मतदान होना है। तीन दशकों से अधिक समय तक फॉरवर्ड ब्लॉक का गढ़ रही यह सीट अब भाजपा का गढ़ हो गई। 2021 में तृणमूल की प्रचंड जीत के बीच इसकी सात विधानसभा सीटों में से छह ने भाजपा को बहुमत दिया था।
अब बीजेपी ने एक बार फिर इस सीट से जीतने के लिए पूरा दमखम लगा रहा है। बीजेपी राजबंशी समुदाय के मतदाताओं के प्रभुत्व वाली इस सीट को बरकरार रखने की कोशिश कर रही है। पार्टी ने इस सीट से अपने मौजूदा विधायक निशिथ प्रमाणिक को मैदान में उतारा है, जो इस ही समुदाय का हिस्सा हैं। गौरतलब है कि पिछले कुछ वक्त में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल सीवी आनंद बोस के बीच रिश्ते काफी तीखे रहे हैं और नौक-झोक देखी गई है।