उत्तराखंड के हरिद्वार में इस बार लोकसभा चुनाव कांग्रेस स्थानीय और बाहरी मुद्दे पर लड़ रही है। वहीं भाजपा विकास और प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर मैदान में है। कांग्रेस ने हरिद्वार के उपनगर ज्वालापुर निवासी पूर्व विधायक अम्बरीश कुमार, जबकि भाजपा ने मौजूदा सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं बसपा ने दल-बदलू छवि वाले डॉ. अंतरिक्ष सैनी पर भरोसा जताया है।
दलों का हाल: हरिद्वार में 2004 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने 32.34 फीसद वोट पाए थे। तब भाजपा को 24.25 फीसद तथा कांग्रेस को 15.62 फीसद वोट मिले थे। 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के हरीश रावत को 42.16 फीसद यानी 3 लाख 32 हजार 235 तथा भाजपा के स्वामी यतिन्द्रानंद महाराज को 25.99 फीसद यानी 2 लाख 4 हजार 832 वोट मिले थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा रमेश पोखरियाल निशंक को 50.38 फीसद यानी 5 लाख 92 हजार 320 तथा कांग्रेस के उम्मीदवार रेणुका रावत को 35.25 फीसद यानी 4 लाख 14 हजार 498 वोट मिले।
दो दिग्गज: कांग्रेस ने हरीश रावत के मुखर विरोधी अम्बरीश कुमार को उतारा है। हरीश रावत समर्थक भीतरखाने अम्बरीश का विरोध कर रहे हैं। अम्बरीश ने 2009 का लोकसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के टिकट पर लड़ा था। परंतु तब उनकी बुरी तरह हार हुई थी और वे लगभग 36 हजार वोट ही जुटा पाए थे। अम्बरीश कुमार 1985 से 2017 तक विधानसभा चुनाव में सात बार तथा नगरपालिका अध्यक्ष का एक बार चुनाव हार चुके हैं। 1996 में सपा के टिकट पर वे पहली और आखिरी बार विधानसभा का चुनाव जीते थे। हरिद्वार को उत्तराखंड में शामिल कराने में निशंक की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही। हरिद्वार का जबरदस्त औद्योगिक विकास हुआ जिसका श्रेय उत्तराखंड की पहली निर्वाचित सरकार के मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के अलावा निशंक को भी जाता है। निशंक का बाल्यकाल और छात्र जीवन हरिद्वार के निर्धन निकेतन आश्रम और चेतन ज्योति आश्रम के स्कूलों में बीता। इसलिए निशंक को हरिद्वार से खासा लगाव है। 1991 से अब तक नशंक केवल एक बार ही 2002 में विधानसभा चुनाव हारे और 2014 में उन्होंने पहली बार लोकसभा चुनाव जीता।
आमने-सामने: मेरा मुख्य मुद्दा स्थानीय और बाहरी उम्मीदवार का है। कांग्रेस ने 70 साल में पहली बार स्थानीय उम्मीदवार के रूप में मुझे उतारा है। स्थानीय व्यक्ति ही स्थानीय जनता की समस्याओं को समझ सकता है और उनका समाधान कर सकता है। इसके साथ-साथ हम न्याय और सद्भाव के मुद्दे को लेकर चुनाव मैदान में डटे हैं। यह देश गांधी, बुद्ध, नानक का देश है, जो भाईचारे का संदेश देते हैं। भाजपा नफरत और डर की राजनीति करती है।– अम्बरीश कुमार, कांग्रेस उम्मीदवार
हरिद्वार लोकसभा सीट में बाहरी और स्थानीय उम्मीदवार का मुद्दा है ही नहीं। मैं हरिद्वार का ही बेटा हूं। इस क्षेत्र को उत्तराखंड में मिलाने की लड़ाई मैंने लड़ी। आज यह सूबे का सबसे संपन्न और विकसित जिला है। यदि यह उत्तरप्रदेश में रहता तो सबसे पिछड़ा जिला रहता। नरेंद्र मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनें यह उनका मुख्य चुनावी मुद्दा है। क्योंकि मोदी सबका साथ-सबका विकास चाहते हैं। मैं अपने सामने किसी प्रकार की कोई राजनीतिक चुनौती नहीं मानता हूं। मेरे संसदीय क्षेत्र में 25 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की विकास योजनाएं चल रही हैं। –रमेश पोखरियाल निशंक, भाजपा के उम्मीदवार और सांसद
कितने मतदाता: हरिद्वार सीट में कुल वोटर 18 लाख 35 हजार 527 हैं। इनमें पुरुष 9 लाख 80 हजार 525, महिला 8 लाख 54 हजार 868 तथा 134 किन्नर मतदाता हैं। 1 लाख 7 हजार 209 सबसे ज्यादा मतदाता धमर्पुर विधानसभा सीट में तथा 51 हजार 744 सबसे कम मतदाता लक्सर विधानसभा सीट में हैं। हरिद्वार जिले में 24 फीसद मुसलिम, 22 फीसद दलित, 20 फीसद राजपूत, 20 फीसद ब्राह्मण,14 फीसद पिछड़े तथा अन्य जातियों के मतदाता हैं।
कितने विधानसभा क्षेत्र: हरिद्वार लोकसभा सीट की 14 विधानसभा सीटों में से तीन विधानसभा सीटें धमर्पुर, डोईवाला और ऋषिकेश देहरादून जिले में पड़ती हैं, जबकि हरिद्वार जिले में 11 विधानसभा हरिद्वार शहर, हरिलार ग्रामीण, रानीपुर, ज्वालापुर, भगवानपुर, झबरेड़ा, कलियर, रूड़की, खानपुर, मंगलौर तथा लक्सर शामिल हैं। हरिद्वार लोकसभा सीट की विधानसभा सीटों में से 11 सीटें भाजपा तथा तीन सीटें भगवानपुर, मंगलौर और कलियर कांग्रेस के पास हैं।

