बिहार में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ही एनडीए गठबंधन में दरार पड़ती नजर आ रही है। दरअसल, एक दिन पहले ही लोकजनशक्ति पार्टी के मुंगेर जिलाध्यक्ष राघवेंद्र भारती ने कहा था कि बिहार में एनडीए गठबंधन अटूट है। भारती के इस बयान पर लोजपा नेता चिराग पासवान इतना नाराज हो गए कि उन्हें पद से ही हटा दिया गया। गौरतलब है कि लोजपा की राज्य इकाई ने गठबंधन की सारी जिम्मेदारी चिराग को ही दी है। पार्टी ने कहा है कि गठबंधन पर बोलने का अधिकार सिर्फ पासवान के पास ही है और राघवेंद्र भारती का बयान पार्टी लाइन का उल्लंघन है।

गौरतलब है कि बिहार में भाजपा, नीतीश कुमार की जेडीयू और रामविलास पासवान की लोजपा एनडीए गठबंधन का हिस्सा हैं। पासवान केंद्र की भाजपा सरकार की तो तारीफ करते हैं। लेकिन बिहार में वे राज्य की नीतीश सरकार की आलोचना करते रहे हैं। बताया जाता है कि बिहार में विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर भी चिराग पासवान नीतीश कुमार से नाराज हैं। एनडीए में रहते हुए उनकी पार्टी ने 42 सीटों पर लड़ने का दावा किया है, जबकि सीएम नीतीश उनकी पार्टी को 25 से 30 सीट ही देने की बात कहते रहे हैं।

कुछ दिनों पहले ही भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री व बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव दिल्ली में चिराग पासवान से मिलने उनके आवास पर पहुंचे थे। उन्होंने नीतीश और लोजपा के बीच अलगावव के मुद्दों पर सुलह कराने की कोशिश की। हालांकि, चिराग ने सीएम नीतीश कुमार पर बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट की नीति की अनदेखी का आरोप लगा दि और अपने लिए ज्यादा सीटों की मांग कर दी। ऐसे में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एनडीए में घमासान मचना तय है।

चिराग इससे पहले भी एनडीए में सिर्फ भाजपा की बात मानने की बात कह चुके हैं। उन्होंने कहा था कि आगामी चुनाव में नेतृत्व किसके हाथों में होगा यह बीजेपी तय करेगी। पासवान ने कहा कि वो हर फैसले में बीजेपी के साथ हैं। चाहें नीतीश कुमार का नेतृत्व जारी रखना हो या उसे बदलने की बात हो, वो बीजेपी के साथ रहेंगे। इसके अलावा उनके पिता और केंद्रीय सरकार में मंत्री रामविलास पासवान भी कोरोनाकाल में प्रवासी मजदूरों की वापसी नहीं कराने पर नीतीश कुमार पर निशाना साध चुके हैं।