गाड़ी लूटने के लिए गाजियाबाद में रहने वाले एक कपल ने उबर की कैब बुक की। वे ड्राइवर को अपने कमरे में ले गए और बेहोश करने के बाद उसे जान से मार डाला। इसके बाद उन्होंने शव को 3 टुकड़ों में बांटा और उसे ग्रेटर नोएडा के नाले में फेंक दिया। साथ ही, कार को मुरादाबाद में छोड़ आए। वारदात 28 जनवरी की है, लेकिन पुलिस ने इसका खुलासा अब किया है। फिलहाल आरोपी कपल को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उन्होंने बताया कि अपना क्लिनिक शुरू करने के लिए उन्होंने कैब लूटी थी।

यह है मामला : पूर्वी दिल्ली के शकरपुर इलाके में रहने वाले राम गोविंद कैब चलाते थे। इस कैब का टाईअप दो ऐप बेस्ड कंपनियों से था, जिनमें से एक उबर है। 28 जनवरी को राम गोविंद कैब लेकर घर से गए, लेकिन वापस नहीं लौटे। कई दिन तक जानकारी नहीं मिलने और फोन बंद रहने पर राम गोविंद की पत्नी ने 31 जनवरी को नेताजी सुभाष प्लेस पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी।

सीसीटीवी फुटेज से नहीं मिली मदद : जांच के दौरान पुलिस ने कैब की बुकिंग डिटेल चेक की तो पता लगा कि गाड़ी की आखिरी सवारी मदनगीर से कापसहेड़ा बॉर्डर तक गई थी। पुलिस ने कापसहेड़ा के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।

ड्राइवर के फोन से मिला सुराग : पुलिस ने बताया कि जब हम सुराग ढूंढ रहे थे, तब गोविंद का मोबाइल फोन बंद था। आखिरी सवारी  की लोकेशन मदनगीर से कापसहेड़ा बॉर्डर की थी। वहीं, जब फोन ऑन हुआ तो उसकी लोकेशन हापुड़ में मिली। पुलिस ने हापुड़ टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली तो गोविंद की कार में एक व्यक्ति हापुड़ की ओर जाता नजर आया। उस वक्त कार में एक महिला भी थी। सर्विलांस की मदद से पुलिस गोविंद के मोबाइल तक पहुंची तो वह किसी और व्यक्ति के पास मिला। पूछताछ में उसने बताया कि यह फोन उसे दिल्ली-हापुड़ हाइवे पर मिला था।

कॉल डिटेल से पकड़े गए आरोपी : पुलिस ने गोविंद के मोबाइल की पड़ताल की तो पता चला कि 28 जनवरी के दिन की आखिरी सवारी ने भुगतान डिजिटल वॉलेज से किया था। हालांकि, जिस व्यक्ति के नाम पर यह डिजिटल वॉलेट था, उसने गोविंद की कैब में सफर ही नहीं किया था। पुलिस ने गोविंद के फोन आई आखिरी कॉल की डिटेल चेक की तो फरहत अली नाम की सवारी का पता चला। पूछताछ के दौरान पुलिस को उस पर शक हुआ तो सख्ती की गई। इसके बाद फरहत ने अपना जुर्म कबूल कर लिया और बताया कि इस वारदात में उसकी लिव-इन पार्टनर सीमा शर्मा उर्फ असीमन खातून भी शामिल थी।

ऐसे अंजाम दी थी वारदात : पुलिस के मुताबिक, फरहत और सीमा ने बताया कि उन्होंने गोविंद की टैक्सी गुरुग्राम से अपने घर गाजियाबाद जाने के लिए बुक की थी। रास्ते में बातचीत के दौरान उन्हें पता लगा कि वे उस दिन गोविंद की आखिरी सवारी हैं। ऐसे में उन्होंने कैब लूटने का प्लान बना लिया और ड्राइवर से दोस्ती कर ली। साथ ही, कैब का जीपीएस बंद कर दिया। दोनों गोविंद को अपने कमरे में ले गए और चाय में नशीला पदार्थ पिलाकर उसे बेहोश कर दिया।

उन्होंने रस्सी से गोविंद का गला घोंटा और शव को कमरे में छोड़कर कार को ठिकाने लगाने चले गए। आरोपियों ने गोविंद की कार मुरादाबाद में एक मंदिर के सामने पार्क कर दी। वहीं, अगले दिन गाजियाबाद लौट आए और गोविंद के शरीर को तीन टुकड़ों में काट दिया। इन हिस्सों को अलग-अलग बोरियों में रखकर उन्होंने ग्रेटर नोएडा की नाले में फेंक दिया।

लिव-इन रिलेशनशिप में थे फरहत और सीमा : पुलिस के मुताबिक, फरहत अली उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले का रहने वाला है। वहीं, सीमा सांभा की निवासी है। दोनों लिव-इन रिलेशनशिप में थे और उन्होंने गाजियाबाद के लोनी में किराए का कमरा ले रखा था। वे अपना क्लिनिक खोलना चाहते थे, जिसके चलते उन्होंने इस वारदात को अंजाम दिया।