मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गुरुवार ( 15 अगस्त) को कहा कि उनकी सरकार प्रदेश की सभी औद्योगिक इकाइयों में 70 प्रतिशत रोजगार प्रदेश के लोगों को देने के लिए कानून बनाने जा रही है। इससे राज्य के युवाओं को रोजगर मिलेगा।उन्होंने कहा कि लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश में अधिक से अधिक औद्योगिक निवेश आकर्षित किया जाएगा।
आकर्षक वातावरण तैयार करने पर दिया जोरः 73 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर यहां राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद समारोह को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा ,‘‘मध्यप्रदेश सरकार का यह प्रयास है कि पूरे प्रदेश में उद्योगों के प्रति एक आकर्षक वातावरण तैयार किया जाए जिससे अधिक से अधिक औद्योगिक निवेशक आकर्षित हो और प्रदेश के अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिले।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम यह भी कानून बनाने जा रहे हैं कि प्रदेश की औद्योगिक इकाइयों को 70 प्रतिशत रोजगार प्रदेश के लोगों को ही देना पड़ेगा।’’
युवाओं के लिए रोजगार जुटाना राज्य सरकार के लिए चुनौतीः प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार जुटाने को राज्य सरकार के लिए इस समय एक बड़ी चुनौती बताते हुए कमलनाथ ने कहा, ‘‘युवाओं का कौशल विकास हो और उन्हें सम्मानजनक रोजगार मिले, इसके लिए हमारी सरकार कटिबद्ध है।’’ उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार यह समझती है कि बिना औद्योगिक निवेश के रोजगार के नए अवसर जुटाना कठिन होगा। इस कारण देश के जाने-माने उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश में आमंत्रित किया जा रहा है। हम यह भली-भांति समझते हैं कि निवेश को आकर्षित करना पड़ता है। प्रदेश में निवेश तभी होगा जब उद्योगों को राज्य सरकार पर विश्वास हो कि उन्हें अपनी इकाइयां चलाने के लिए पूरा-पूरा सहयोग मिलेगा।
प्रदेश में एक औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने की योजनाः कमलनाथ ने कहा कि निवेश आकर्षित करने के लिए 18 से 20 अक्टूबर तक इंदौर में ‘मेग्नीफिशेंट मध्यप्रदेश’ कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सफल उद्योगपतियों को ब्रांड एंबेसडर बनाया जा रहा है और उद्योग सलाहकार परिषद का गठन भी किया जा रहा है। कमलनाथ ने कहा, ‘‘निवेश प्रोत्साहन फैसलों के सार्थक परिणाम आने लगे हैं। पिछले सात माह के सीमित समय में 6,158 करोड़ रूपए का स्थाई पूंजी निवेश मध्यप्रदेश में हुआ है। इसी अवधि में 15,208 करोड़ रूपये के पूंजी निवेश वाली 7 मेगा औद्योगिक इकाइयों के प्रस्ताव मिले हैं।’’ उन्होंने कहा कि हमारी योजना प्रदेश के हर जिले में कम से कम एक औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने की है।
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निराश्रित गौवंश की देखरेख समस्याः कमलनाथ ने कहा, ‘‘प्रदेश के असंगठित मजदूरों का एक ऐसा वर्ग है जिसे आगे लाना आवश्यक है। इस वर्ग के कल्याण से मध्यप्रदेश पर बीमारू का जो टैग लगा है उसे हम मिटा पाने में सफल होंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पिछले कुछ वर्षों से निराश्रित गौवंश की देखरेख एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। हमारी सरकार ने इसे चुनौती के रूप में लिया है। इनकी देखरेख होती रहे, इसके लिए हमारी सरकार ने प्रदेश में पहली बार 1,000 गौशालाओं के निर्माण का कार्य अपने हाथ में लिया है।’