Ankita Bhandari Murder Case: उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के श्रीनगर के एनआईटी घाट पर रविवार (25 सितंबर) को अंकिता भंडारी का अंतिम संस्कार किया गया। सीएम धामी की अपील के बाद अंकिता का परिवार अंतिम संस्कार करने पर राजी हुआ। अंकित भंडारी की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी गई थी क्योंकि उन्होंने होटल मालिक के कहने के बाद भी ग्राहकों को ‘खास सेवा’ देने से मना कर दिया था। ऋषिकेश के लक्ष्मण झूला इलाके में स्थित एक रिजॉर्ट से लापता होने के छह दिन बाद शनिवार को पुलिस ने अंकिता के शव को नहर से बरामद किया था।
सीएम धामी ने की अंकिता के परिवार से अपील: उत्तराखंड के सीएम धामी ने अंकिता के परिवार से अपील करते हुए कहा था, “एसआईटी बहुत एंगल से मामले की जांच कर रही है और मामले से जुड़े सबूतों को सुरक्षित रखा गया है। मैं आश्वासन देता हूं कि सबूत मिटाने का कोई प्रयास नहीं किया गया है। हम फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामले में तेजी लाने की कोशिश करेंगे। हम दोषियों को नहीं बख्शेंगे।” जिसके बाद रविवार को उसका अंतिम संस्कार किया गया।
DIG गढ़वाल रेंज, के.एस. नगन्याल ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ अधिक से अधिक साक्ष्य संकलित कर जल्द से जल्द आरोप पत्र हम न्यायालय को भेजेंगे। मामले की जांच के लिए एक SIT भी गठित कर दी गई है। हमारा ध्यान है कि मामले में किसी भी प्रकार का कोई भी साक्ष्य नहीं छूटे।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने तक अंतिम संस्कार से किया था इनकार: वहीं, जब अंकिता भंडारी के पिता अंतिम संस्कार के लिए श्रीनगर में पोस्टमार्टम हाउस के बाहर उसका शव लेने पहुंचे तो वहां बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। दरअसल, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का फोन आने के बाद परिवार अंकिता का अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार हुआ था। परिवार ने इससे पहले पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आने तक अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था।
अंकिता के भाई अजय सिंह भंडारी ने कहा था, “जब तक उसकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं दी जाती, हम उसका अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। हमने उसकी प्रोविजनल रिपोर्ट में देखा कि उसे पीटा गया और नदी में फेंक दिया गया। लेकिन हम अंतिम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।”
पुलिस ने इस मर्डर केस में शुक्रवार को रिजॉर्ट के मालिक और उत्तराखंड सरकार में पूर्व मंत्री विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य को गिरफ्तार किया था। मामले के सुर्खियों में आने के बाद भाजपा ने कार्रवाई करते हुए विनोद आर्य और उनके बेटे अंकित आर्य को पार्टी से निलंबित कर दिया था।